भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में जब भी समाजवादी पार्टी (सपा) सत्ता में आती है, राज्य में सांप्रदायिक दंगों की झड़ी शुरू हो जाती है। राजनाथ ने यह आरोप हिंसा प्रभावित मुजफ्फरनगर जिले का दौरा रद्द करने के बाद लगाया है। राजनाथ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "अगर हम दंगे के इतिहास को देखें, तो पता चलता है कि सपा जब भी सत्ता में आती है, उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे की श्रंखला शुरू हो जाती है।" अधिकारियों ने कहा कि राजनाथ से जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मुजफ्फरनगर शहर न आने का अनुरोध किया था।
भाजपा अध्यक्ष के कार्यालय में फैक्स द्वारा भेजी गई चिट्ठी में शर्मा ने उनसे प्रभावित इलाके में न आने की अपील की थी, क्योंकि उनके दौरे से सात सितंबर के बाद भड़की हिंसा के बाद यहां स्थापित हुई शांति प्रभावित होने की आशंका थी। राजनाथ ने उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे हिंसा में अपनी संलिप्तता पर पर्दा डालने के लिए निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "टेलीविजन चैनल के स्टिंग आपरेशन में यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार में मौजूद लोगों का इस दंगे में हाथ है, ऐसे में सिर्फ भाजपा विधायकों को क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है?" भाजपा विधायक सुरेश राणा के खिलाफ अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था और उन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य विधायक संगीत सोम ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के सरधाना कस्बे में पुलिस के सामने समर्पण कर दिया।
राजनाथ ने कहा कि मुजफ्फरनगर में आपातकाल के समय जैसी स्थिति है और भाजपा नेता 24 सितंबर को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा, "हमने राष्ट्रपति से समय मांगा है ताकि हम उन्हें स्थिति की वास्तविकता बता सकें।" राजनाथ ने कहा कि भाजपा विधायक मुजफ्फरनगर में सात सितंबर को भड़की हिंसा में किसी भी रूप में शामिल नहीं रहे हैं। इस हिंसा में 48 लोगों की मौत हो गई है और 40,000 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं।
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