समाजवादी पार्टी (सपा) की आगरा में चल रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल न होकर पार्टी और नेतृत्व को असहज महसूस कराने वाले आजम खान पर सपा सख्त हो गई है। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं महासचिव राम गोपाल यादव ने गुरुवार को एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, "राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लगभग सारे नेता मौजूद रहे। आजम की गैर-मौजूदगी से कोई फर्क नहीं पड़ता।" यह पूछे जाने पर कि क्या यह अनुशासनहीनता है। इस पर राम गोपाल ने कहा, "ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में शामिल न होकर नेता अपना ही कद कम करता है। किसी नेता के ऐसे आचरण से पार्टी को नुकसान नहीं होता।" आजम खान अखिलेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री होने के साथ सपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं।
यादव ने कहा, "कार्यकर्ता उम्मीद करते हैं कि पदाधिकारी इस तरह की बैठकों में आएं। अगर पदाधिकारी अपने पद की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकते तो वह इस्तीफा दे दें या अपनी जिम्मेदारी निभाएं और बैठक में आएं।" उधर पार्टी के एक और महासचिव नरेश अग्रवाल ने भी राम गोपाल से सुर में सुर मिलाते हुए कहा, "कोई नेता यह न समझे कि अल्पसंख्यक उनके कहने से सपा को वोट देते हैं। अल्पसंख्यक मुलायम सिंह यादव को वोट देते हैं।"
उन्होंने कहा कि किसी नेता को खुद को पार्टी से बड़ा नहीं समझना चाहिए। जिन लोगों ने खुद को पार्टी से बड़ा समझा उनका हश्र क्या हुआ, सभी को पता है। बैठक के पहले दिन बुधवार को आजम की गैर-मौजूदगी को लेकर सपा के नेता मीडिया के सवालों से घिरे रहे। सूत्रों के मुताबिक आजम की वजह से पैदा हुई इस असहज स्थिति से सपा नेतृत्व खासा नाराज है।
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