पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने बुधवार को यहां के कुलपति, उपकुलपति, और कुछ अधिकारियों को उनके कार्यालय में बंद कर दिया। छात्र अपने दो साथियों के निलंबन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब है कि दो छात्रों को रैगिंग के आरोप में निलंबित किया गया है। विश्ववविद्यालय के इंजीरियरिंग और मानविकी विभागों के छात्रों ने बुधवार दोपहर बाद प्रदर्शन शुरू किया और सारी रात कार्यालय के सामने बैठे रहे।
रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार घोष ने गुरुवार को बताया, "छात्र नारे लगा रहे हैं और उन्होंने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है। वे रैगिंग के आरोपी दो छात्रों की बहाली की मांग कर रहे हैं। लेकिन रैगिंग रोधी समिति की जांच में वे दोषी पाए गए.. इसलिए अब हम कुछ नहीं कर सकते।" पिछले महीने इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष के एक छात्र, जिसे कथित तौर पर पीटा गया था, ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से रैगिंग की शिकायत की थी। जिसके बाद 11 सितंबर को दो छात्रों को निलंबित किया गया था।
निर्माण इंजीनियरिंग के एक छात्र को दो सेमेस्टर और प्रिंटिंग तकनीकी विभाग के चौथे साल के एक छात्र को एक सेमेस्टर के लिए निलंबित किया गया है। घोष ने बताया कि निलंबन अवधि के दौरान दोनों छात्रों को छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं है। घोष ने बताया, "हमने कारण बताओ नोटिस जारी किया था.. निलंबन जल्दी प्रभाव में आ जाएगा। हम बातचीत करेंगे और नाराज छात्रों से इसपर चर्चा करेंगे।"
यूजीसी ने शिकायत की प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन को अग्रसारित कर दी थी, जिसमें एक जांच समिति का गठन किया गया था और दोनों छात्रों को दोषी पाया गया था। हालांकि छात्रों का कहना है कि रैगिंग आंतरिक अनुशासन का रिवाज है।
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