प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को लोगों से सांप्रदायिक शक्तियों की चुनौतियों से निपटने का आग्रह किया। राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना सम्मान समारोह में यहां प्रधानमंत्री ने कहा, "एक इंसान के रूप में हमारी पहचान धर्मनिरपेक्ष है। केवल मुट्ठीभर लोग ही हमारे बीच भेद पैदा कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "मैं यह भी मानता हूं कि ऐसी ताकतों का विरोध करना हम में से हर एक का कर्तव्य है।"
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा का उल्लेख किया। यहां हिंसा में 40 से ज्यादा लोगों की जान गई और हजारों लोगों को अपना घर-बार छोड़कर शिविरों में शरण लेना पड़ा है। मनमोहन सिंह ने कहा, "हम आज देश के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव चरम पर पहुंचने के बीच यहां जमा हैं। यह अत्यंत दुखद घटनाक्रम है।"
उन्होंने कहा कि "हाल की घटनाओं के मद्देनजर हम सब का दायित्व है कि समाज में सद्भाव और मैत्री की भावना को बढ़ावा देने की निजी और सामूहिक जिम्मेदारी का प्रदर्शन करें।" प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सांप्रदायिक सौहाद्र्र कायम रखने का हर संभव प्रयत्न करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक 23 सितंबर को आयोजित की जाएगी जिसमें 'इस बुराई को खत्म करने के उपाय और मार्ग तलाशा जाएगा।'
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