यूपीए के हाथों देश विनाश के कगार पर : नरेन्द्र मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 10 सितंबर 2013

यूपीए के हाथों देश विनाश के कगार पर : नरेन्द्र मोदी

modi in jaipur
अंधाधुंध भ्रष्टाचार के मामलों के लिए कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश विनाश के कगार पर खड़ा है।  राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की राज्यव्यापी यात्रा के समापन के मौके पर यहां अमरूदों का बाग में मंगलवार को आमसभा को मोदी ने संबोधित किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "देश विनाश के कगार पर खड़ा है। आजादी से पहले कांग्रेस कुछ और थी, लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पूरी पार्टी एक ही परिवार को समर्पित है।" उन्होंने का कि कांग्रेस ने देश के बच्चों के लिए एबीसीडी की एक नई किताब लिखी है। 

मोदी ने कहा, "किताब के अनुसार, ए का मतलब आदर्श घोटाला, बी का मतलब बोफोर्स घोटाला, सी का मतलब कोयला घोटाला और डी का मतलब दामाद का कारोबार होता है।" मोदी ने कहा कि लोगों को मालूम नहीं है कि देश में क्या हो रहा है। उन्होंने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने गए। वे लौट भी आए हैं, लेकिन देश में कोई नहीं जानता कि वहां उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से क्या कहा।"

मोदी ने कहा, "देश में पिछले 10 वर्षो से एक ऐसी सरकार है जिसके पास कोई जिम्मेदारी और सही फैसला लेने की शक्ति नहीं है।" मोदी ने कहा कि लोग यदि भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहते हैं तो कांग्रेस को सत्ता से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "इस सरकार में जो भी भ्रष्ट है उसे प्रोन्नति मिलती है। सरकार में नेता, नैतिकता, योजना और देश चलाने की सही मंशा का अभाव है।"