केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने सोमवार को कहा कि दूसरी पार्टियों के भी कई महत्वपूर्ण सदस्य कोयला मंत्री रहे हैं, कोयला आवंटन पर उनसे भी पूछताछ की जानी चाहिए, सिर्फ प्रधानमंत्री से ही क्यों। तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के चरित्र पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ने 1993-2009 की अवधि में कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित गड़बड़ी के लिए अनुमानित निष्कर्ष प्रस्तुत किया है और इस अवधि में दूसरी पार्टियों के भी प्रमुख सदस्य मंत्रालय के प्रभारी रह चुके हैं।
उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अत्यधिक खुलेपन की नीति पर चलता है और प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए सभी फैसले पूरी तरह जांच-पड़ताल करने के बाद ही लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कोयला मंत्री के प्रभारी के रूप में बिताए कार्यकाल में हुए कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए प्रधानमंत्री से पूछताछ की मांग राजनीति से प्रेरित है।
इस बीच केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन विवाद में प्रधानमंत्री के पास छुपाने लायक कुछ भी नहीं है और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) औपचारिक अनुरोध करे, तो वह पूछताछ के लिए उपस्थित हो सकते हैं। मनमोहन सिंह ने भी कहा है कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं और विपक्ष को उनकी बात सुननी चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें