देश के ओलम्पिक विजेता पहलवानों सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त सहित कुश्ती जगत की अनेक हस्तियों ने कुश्ती की ओलम्पिक में वापसी के निर्णय की सराहना की है। अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ने अर्जेटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में चल रहे अपने 125वें बैठक के दौरान रविवार को कुश्ती को ओलम्पिक-2020, एवं 2024 में शामिल करने पर सहमति दे दी। आईओसी की बैठक में हुए पहले चरण के मतदान में कुश्ती को 95 में 49 मत मिले। बेसबॉल/सॉफ्टबॉल को संयुक्त रूप से 24 तथा स्क्वैश को 22 मत मिले।
ओलम्पिक में दो बार पदक जीत चुके सुशील कुमार ने कहा कि इस निर्णय से देश की अगली पीढ़ी के पहलवानों का उत्साहवर्धन होगा। सुशील कुमार ने कहा, "भारतीय कुश्ती के लिए यह एक अहम दिन है। हम बेसब्री जिसका इंतजार कर रहे थे, आखिर वह दिन आ ही गया। मुझे लगता है कि इस निर्णय से भारत की अगली पीढ़ी के पहलवानों का हौसला बढ़ेगा। कुश्ती सबसे प्राचीन खेलों में से एक है, और उसे ओलम्पिक में वापस शामिल किए जाने का निर्णय पूरी तरह सही है।" सुशील ने कहा कि हाल के वर्षो में देश को ओलम्पिक में मिली सफलता के कारण अनेक युवा इसकी ओर आकर्षित हुए लेकिन फरवरी में इसे हटाए जाने के फैसले के बाद उनका भविष्य अधर में लटक गया था।
आईओसी की कार्य समिति ने अचानक फरवरी में ओलम्पिक कार्यक्रम के नवीकरण के उद्देश्य से कुश्ती को ओलम्पिक से हटाने का फैसला किया था, लेकिन मई में इस पर मतदान के जरिए फैसला लेने का निर्णय लिया गया। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के कार्यकारी अध्यक्ष वी. के. मल्होत्रा ने आईओसी के इस निर्णय पर खुशी जाहिर की है। मल्होत्रा ने कहा, "हमें इस खबर का बेसब्री से इंतजार था। कुश्ती की विश्व नियामक संस्था फिला के प्रयास सफल हुए। पहलवानों के लिए वास्तव में यह बहुत अच्छी खबर है।"
कुश्ती, ओलम्पिक का प्रचीनकाल से ही अभिन्न हिस्सा रहा है, चाहे वह ग्रीक-रोमन पद्धति का हो चाहे आधुनिक फ्रीस्टाइल का। सिर्फ 1900 के ओलम्पिक में कुश्ती को शामिल नहीं किया गया था। भारती कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष राज सिंह ने कहा कि ओलम्पिक-2020 की मेजबानी टोक्यो को मिलने का असर भी कुश्ती को ओलम्पिक में शामिल करने के निर्णय पर पड़ा। उन्होंने कहा, "हमें पूरा विश्वास था कि कुश्ती को अधिक मत मिलेंगे। जापान कुश्ती में अच्छी पकड़ रखता है, और जापान को ओलम्पिक-2020 की मेजबानी मिलने के बाद ओलम्पिक में कुश्ती की वापसी का हमें लगभग विश्वास हो चला था।"
लंदन ओलम्पिक-2012 में देश के लिए कांस्य जीतने वाले पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा है मानो उन्होंने एक और पदक जीत लिया हो। योगेश्वर ने कहा, "मैं फिला और आईओसी के सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं। अब पहलवानों का भविष्य सुरक्षित एवं उज्जवल होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि देश के युवा पहलवान अब इस खेल के प्रति प्रोत्साहित होंगे।" द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित कुश्ती के कोच सतपाल सिंह ने कहा कि कुश्ती का ओलम्पिक में हमेशा से एक विशेष स्थान रहा है।
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