आज से 62 साल पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर हुआ था। तब से आज तक विधानसभा में 25 सीटें और विधान परिषद में 12 सीटें खाली हैं। कश्मीर के महाराजा ने 5 मार्च 1948 को एक उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किया था, जिसके मुताबिक सत्ता जन प्रतिनिधियों को सौंपी जानी थी। सितंबर 1951 में राज्य में वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनाव कराये गये।
कश्मीर, जम्मू और लद्दाख क्षेत्र से कुल 75 विधायक चुने गये और 100 सीटों वाली विधानसभा में 25 सीटें पाक के कव्जे वाले कश्मीर के प्रतिनिधियों के लिए खाली रखी गई इस उम्मीद में कि जब भारत और पाकिस्तान कश्मीर का मसला सुलझा लेंगे तो ये प्रतिनिधि विधानसभा में अपनी जगह लेंगे। तब से आज तक हर विधानसभा के कार्यकाल में ये सीटें खाली रहती है। विधानसभा की तरह जम्मू-कश्मीर विधान परिषद में भी पाक के कब्जे वाले कश्मीर के विधायकों के लिए 43 से 54 नंबर की 12 सीटें खाली रहती हैं।
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