राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बुधवार को बेल्जियम और तुर्की की छह दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो गए. राष्ट्रपति बनने के बाद प्रणब मुखर्जी की पहली यूरोप यात्रा का मुख्य फोकस शिक्षा पर है. इस यात्रा पर मुखर्जी के साथ मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों, शैक्षणिक और अकादमिक संस्थानों के प्रतिनिधियों का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल गया है.
यूजीसी के अध्यक्ष वेदप्रकाश, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश सिंह, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति सुधीर कुमार सोपोरी और हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रामकृष्णा रामास्वामी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं.
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मंत्रिमंडल के अन्य मंत्रियों ने राष्ट्रपति को राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक ढंग से यात्रा पर विदा किया. अपनी यात्रा के पहले चरण में राष्ट्रपति राजा फिलिप के आमंत्रण पर बेल्जियम जाएंगे. यह किसी भारतीय राष्ट्रपति द्वारा बेल्जियम की पहली यात्रा होगी. बेल्जियम में मुखर्जी राजा फिलिप के साथ संयुक्त रूप से ‘यूरोपालिया-इंडिया 2013-14’ का उद्घाटन करेंगे. इसमें भारतीय संस्कृति की झलक पेश की जाएगी.
तुर्की के राष्ट्रपति के आमंत्रण पर मुखर्जी 5 अक्तूबर से 7 अक्तूबर तक तुर्की की यात्रा पर होंगे. 1993 और 1998 में भारतीय राष्ट्रपतियों की यात्रा के बाद यह तुर्की में किसी भारतीय राष्ट्रपति की तीसरी यात्रा होगी. अफगानिस्तान और मध्य एशिया में राजनैतिक स्थिरता और शांति सुनिश्चित करने के संदर्भ में भारत और तुर्की के साझे हित हैं.
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