पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के पक्ष में केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में इस्तीफा दे चुके केंद्रीय मंत्रियों और कांग्रेसी सांसदों की रणनीति से अलग सीमांध्र क्षेत्र के विधायकों ने पद पर डटे रहने और विधानसभा में इस बारे में लाए जाने वाले प्रस्ताव को पराजित करने की रणनीति तैयार की है।
सीमांध्र (रायलसीमा और तटीय आंध्र) के कांग्रेसी विधायकों ने भावी रणनीति तैयार करने के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी के साथ बैठक की। उन लोगों ने विधानसभा में प्रस्ताव के विरोध में मतदान पर जोर दिया। राज्य के बुनियादी ढांचा मंत्री जी. श्रीनिवास राव ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें विधानसभा में तेलंगाना प्रस्ताव को परास्त करने तक पद नहीं छोड़ने की सलाह दी है।
कानून मंत्री ई. प्रताप रेड्डी ने हालांकि इससे मतभेद रखते हुए अपना इस्तीफा ई. एस. एल. नरसिम्हन को सौंप दिया है। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का भी फैसला किया है। यह कहते हुए कि विधानसभा की सहमति लिए बगैर नए राज्य के गठन का कोई उदाहरण नहीं है, श्रीनिवास राव ने कहा कि सदन में प्रस्ताव लाया जाना चाहिए था। एक अन्य मंत्री एस. शैलजानाथ ने कहा कि विधानसभा में प्रस्ताव पारित किए बगैर बंटवारे की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, ''हम यह तय कर चुके हैं कि जब भी विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा, उसे पराजित करेंगे।'' बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण ने भी हिस्सा लिया। बैठक में मंत्रियों और विधायकों सहित 7० नेता मौजूद थे।
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