मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी संगठन सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने में जुटे हुए हैं, क्योंकि विकास के गुजरात मॉडल पर लगातार हमले हो रहे हैं। माकपा के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के संपादकीय में कहा गया है, "इसके कारण भाजपा जाहिर तौर पर अपने मूल हथकंडे, यानी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर लौट आई है, और 2014 के आम चुनाव के अपने अभियान का उसे मुख्य आधार बना लिया है।"
संपादकीय में कहा गया है कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा सभी मुख्यमंत्रियों से की गई उस अपील की निंदा की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवादी मामलों के संबंध में बेगुनाह मुस्लिम युवकों को हिरासत में न लिया जाए। संपादकीय में कहा गया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को तथाकथित 'जीवंत गुजरात' के आधार पर पेश करने का भाजपा का अभियान तथ्यों के आधार पर पंचर हो गया है।
माकपा ने कहा है कि गुजरात को अब सभी मानव विकास सूचकांकों पर राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे पाया गया है। संपादकीय में कहा गया है, "यह आश्चर्यजनक नहीं है कि मुजफ्फरनगर हिंसा के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार कायम सांप्रदायिक तनाव लगता है देश के अन्य हिस्सों में भी फैल रहा है।" माकपा ने कहा है, "भाजपा के चुनावी समर्थन की जरूरतें पूरी करने के लिए सांप्रदायिक तनावों को इस तरह बढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती।"
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