आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनावों के मद्देनजर दलितों के बीच पहुंच बनाने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें पार्टी में और अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। दिल्ली में भगवान वाल्मीकि फाउंडेशन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल ने वाल्मीकि समाज को कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी करार दिया और कहा कि पार्टी द्वारा दलित समाज के लिए किया गया काम पर्याप्त नहीं है। राहुल ने कहा, "कांग्रेस पार्टी में आप उन्हें जितना प्रतिनिधित्व देते हैं, वह पर्याप्त नहीं है। ये लोग कांग्रेस पार्टी की रीढ़ हैं और हमें अवश्य उनके लिए कुछ करना चाहिए।"
राहुल के समर्थन में नारेबाजी शुरू होते ही वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा लाए गए शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और सूचना का अधिकार जैसे विधेयक गिनाने लगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पहले नारा था कि 'हम आधे पेट सोएंगे, लेकिन कांग्रेस को वोट देंगे'। अब खाद्य सुरक्षा विधेयक आने के बाद नया नारा है कि 'भर पेट खाएंगे और कांग्रेस को वोट देंगे'।
उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि उसने कभी भी गरीबों का हाथ थाम कर उनसे जुड़ने की कोशिश नहीं की है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस गरीबों की पार्टी है, हमारे विपक्षी गरीबों की समस्या को नहीं समझते। वे उनके घर नहीं जाते और उनका हाथ पकड़ कर उनकी समस्या पर बात नहीं करते।" राहुल ने कहा, "वे इंडिया शाइनिंग की बात करते हैं और चुनाव हार जाते हैं। वे 2004 और 2009 में हारे और 2014 में भी हारेंगे।"
उन्होंने कहा, "अगर आप चुनाव जीतना चाहते हैं तो गरीबों के घर जाएं और उनके हाथ थामें और तब आगे बढ़ें और चुनाव जीतें।" इससे पहले एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती की आलोचना की थी। राहुल ने अनुसूचित जाति सशक्तिकरण के लिए आयोजित एक राष्ट्रीय जागरूकता शिविर के दौरान यहां कहा, "दलित आंदोलन के दूसरे चरण में नेताओं का आगे आना बंद हो गया, मायावती ने नेतृत्व पर कब्जा कर लिया है और वह लोगों को आगे नहीं आने देतीं।"
उन्होंने कहा, "यह हालांकि, उनकी निजी पसंद है। यह कांग्रेस के लिए अच्छा समय है जिसका दलितों के लिए काम करने का इतिहास रहा है।" राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को सुनियोजित तरीके से पंचायतों, विधानसभाओं और नीतिगत स्तरों पर दलित नेताओं आगे लाना होगा।
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