हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी.एस. कोकजे ने कहा है कि योजनाओं के माध्यम से सस्ता अनाज व आर्थिक मदद कर सरकार देश की जनता को निकम्मी बना रही है। जबलपुर प्रवास पर आए कोकजे ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि लोगों में स्वावलंबन की भावना जाग्रत होनी चाहिए, ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े। एक तरफ हम सामानता की बात करते हैं तो दूसरी तरफ ईमानदारी से टैक्स जमा करने वालों का पैसा सब्सिडी के रूप में दूसरे व्यक्तियों को देते हैं।
उन्होंने कहा कि दो रुपये गेहूं, तीन रुपये चावल, सौ दिन का रोजगार देकर भी सरकार जनता को निकम्मी बना रही है।
न्यायमूर्ति कोकजे ने उदाहरण देते हुए बताया कि भोपाल गैस त्रासदी के बाद आर्थिक मदद की योजना सरकार ने शुरू की थी। जिन परिवारों में 10-20 सदस्य थे, उन्होंने काम पर जाना बंद कर दिया था। योजना बंद की गई तो आंदोलनों का सिलसिला शुरू हो गया। उनका मानना है कि जो व्यक्ति सस्ते गेहूं-चावल के लिए कमा सकता है, वह बिना सब्सिडी वाले गेहूं-चावल के लिए भी कमा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि उसे रोजगार दिया जाए।
उन्होंने बताया कि उनकी संस्था भारत विकास परिषद लोगों में देशहित की भावना बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम चलाती है। अस्पतालों की स्थापना भी की है। गांवों को गोद लेकर उन्हें विकसित किया जाता है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी विकलांगों को कृत्रिम अंग के अलावा अन्य स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
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