सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने आज कहा कि जम्मू और कश्मीर के केरन क्षेत्र में आतंकियों द्वारा घुसपैठ की दुस्साहसिक कोशिश को विफल कर दिया गया है। उन्होंने स्थिति के स्पष्ट करते हुए कहा कि घुसपैठ की कोशिश कब्जा करने का कोई प्रयास नहीं था, क्योंकि दुश्मन किसी ऊंचे स्थान पर नहीं, बल्कि एक नाले में बैठा था।
वायुसेना दिवस की परेड से इतर जनरल सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि यह घुसपैठ की एक दुस्साहसिक कोशिश थी, जिसे विफल कर दिया गया है। सेना प्रमुख ने कहा कि ऐसा लगता है कि केरन क्षेत्र में संलिप्त आतंकियों में से 7 आतंकी वहां से हट गए और फिर उन्होंने दूसरे इलाकों से घुसपैठ की कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें गोली से मार गिराया।
जनरल सिंह से पूछा गया था कि क्या केरन क्षेत्र में स्थिति बेहद खराब है, जहां भारतीय सेना के जवानों और पाकिस्तानी विशेष बलों के समर्थित आतंकियों के बीच पिछले 15 दिनों से मुठभेड़ जारी है। उन्होंने कहा कि बहुत से चैनलों ने इसे अनाधिकृत प्रवेश बताया है, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर यह ऐसा होता, तो घुसपैठिए वैसी जगहों पर कब्जा करते जो सुरक्षित होतीं। उन्होंने पूछा, इस मामले में वे एक नाले में बैठे थे। कौन सा आक्रमणकारी नाले में बैठकर किसी क्षेत्र पर वर्चस्व जमा पाएगा। उन्होंने कहा, इनमें से कुछ लोगों आतंकियों को शायद वहां से हटा दिया गया और उन्होंने इससे सटे इलाकों से घुसपैठ की कोशिश की। वहां पर इन सात से मुकाबला हुआ।
सेना प्रमुख ने कहा कि वे दिल्ली लौटकर स्थिति का जायजा लेंगे। वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउन ने कहा कि सेना इस स्थिति से निपटने में सक्षम है और उन्होंने मीडिया से थोड़ा धैर्य रखने के लिए कहा। सेना भारतीय सीमा के लगभग 300-400 मीटर भीतर स्थित केरन क्षेत्र में 35-40 घुसपैठियों से लड़ रही है और कई वरिष्ठ कमांडरों ने स्थिति की समीक्षा के लिए वहां का दौरा किया है। जनरल सिंह से पूछा गया कि क्या वह खुद उस क्षेत्र का दौरा करेंगे जहां अभियान जारी है, लेकिन उन्होंने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, कृपया इंतजार करें और सेना के कमांडर को इसपर टिप्पणी करने दें। मुझे खुद स्थिति का जायजा लेना है।
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