प्रकृति की गोद मे बसी है माॅ टिटकी:-
झाबूआ- पिटोल से 8किमी दुर अनास नदी के किनारें पर एक पत्थर के ऊपर बना माताजी का मन्दीर एवं उसमे विराजमान माताजी जिसका नाम टिटकी माता जो कि नदी किनारे एवं सुन्दर पहाडीयों के बीच बॅसा गाॅव टिटकीखेडा है आज से 40 साल पहले यहा पर मेले का आयोजन होता था पर अब यहाॅ पर किसी भी प्रकार का कोई भी आयोजन नही किया जाता है। इस हेतू ग्रामीणों ने शासन से वहा पर मेले का आयोजन एवं वहा आने जाने के लिए उचित मार्ग का निर्माण करने की मांग की है। हर वर्ष कि तरह यहा शारदीय नवरात्र में गरबे के आयोजन के लिए बिजली की व्यवस्था के लिए शासन से अनुरोध किया है ।
आलोकिक है माताजी कि मूर्ति -
टिटकी माता कि मूर्ति एक बडे़ चट्टान के अन्दर हैै जो नदी किनारे पर एक गुम्मद नुमा आकार कि बनी हुई है उसके अन्दर माताजी कि एक छोटी सी मूर्ति है ग्रामीणों का कहना है यह स्थल धार्मिक रूप से अत्यन्त ही प्रसिद्ध है। यहा पर श्रद्धालु माताजी से जो भी मन्नत मांगता है वह अवश्य ही पूरी होती है श्रद्धालु यहा धन दोलत, वैभव, सन्तान प्राप्ती हेतु मन्नते मांगते है जो कि पूरी होती है। ग्रामीणो ने शासन से मांग की है कि उस स्थान तक पहुचने के लिये सरकार ने जैसे बाबा देव तक आवागमन का रास्ता बनाया है वैसे ही रास्ता माता के मन्दीर तक बना देते है तो नदी किनारे हरी भरी वादीयों के बीच झाबुआ जिले का एक ओर पर्यटन स्थल बन जायेगा मन्दीर के पास नदी के ऊपरी हिस्से से मंेघनगर दिखता है , नाहरगढ का रेलवे, के बीच शांत सी बहती अनास नदी, हरी भरी पहाडीया एवं झरने से वहा का सोन्दर्य देखते ही बनता है। टिटकीखेडा के ग्रामीणों ने कहा की मेघनगर की तरफ से आने के लिए अनास नदी पर तो रपट बन गई परन्तु मन्दीर तक रोड़ बनाने का आग्रह किया है सरकार से।
अदभूत है माताजी की कहानी -
ग्राम पिटोल के 65 वर्षीय हकला गुण्डीया ने बताय की ग्राम टिटकीखेडा मे टिटकी माता के गरबे होते थे वहा माता स्वयं बालिका रूप मे प्रकट होकर गरबे खेलती थी परन्तु कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा माताजी का रास्ता रोकने पर माताजी नारज होकर अन्र्तध्यान हो गईं। तब से आसपास के गाॅव अपराधिक पृष्ठभूमि के बन गये। पहले माताजी के दर्शन करने जाने वाले लोगो के लिये भोजन की थालियाॅ अदभुत तरीके से लग जाती थी एवं स्वतः ही भोजन के उपरान्त गायब हो जाती थी। ग्रामीणों ने इस बार माताजी के मेले का पुनः आयोजन करने की तैयारी की है जिसके लिए माताजी के मन्दीर पर जाने के लिए सुरम्य पहाडीयों मे रास्ता बनाया जाये व बिजली व्यवस्था के लिए सरकार से पहल करने का अनुरोध किया है मन्दीर समिति के सदस्य विनोद पिता काना गुण्डीया पिटोल, समसु पिता हुमला डामोर, तोल्या पिता लाला बारीया, मंगलसिंह पिता मन्ना, प्रेमसिंह पिता मुन्ना वसुनिया, ने इस बार माताजी के मन्दीर पर भव्य आयोजन कि तैयारी की है।
युवा मण्डल भी मतदाता को जागरूक करेगे
- जिला युवा कार्यक्रम सलाहकार समिति की बैठक संपन्न
झाबुआ 4 अक्टूबर 14/नेहरू युवा केन्द्र के युवा मण्डल भी अब मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूक करेगे। उक्त निर्णय आज 4 अक्टूबर को जिला युवा कार्यक्रम सलाहकार समिति की बैठक में समिति द्वारा लिया गया। बैठक में नेहरू युवा केन्द्र के सत्र 2013-14 की वार्शिक कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया। उत्कृश्ट युवा मण्डल पुरस्कार का चयन समिति द्वारा किया गया। बैठक कलेक्टर कक्ष में कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में जिला समन्वयक श्री करण सिंह सोनगरा, जिला खेल अधिकारी श्री हरोड, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. रजनी डावर, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सुश्री नीलू भट्ट सहित समिति के सदस्य उपस्थित ।
अभ्यर्थी/राजनैतिक दलो द्वारा निर्वाचन व्यय सम्बंधित प्रावधान
झाबुआ 3 अक्टूबर 13/लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77(1) अनुसार लोक सभा/विधानसभा अभ्यर्थी को नामांकन की तारीख से निर्वाचन परिणाम की घोशणा तक किये व्यय के पृथक एवं सही लेखा रखना अनिवार्य है।
2. धारा 78 अनुसार निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को परिणाम घोशित होने के 30 दिवस के भीतर जिला निर्वाचन अधिकारी को अपने व्यय के लेखो की सही प्रतिलिपि दाखिल करना होती है।
3 अभ्यर्थी द्वारा नियत समयावधि में निर्वाचन व्यय का लेखा प्रस्तुत नहीं किया जाता है तब आरआरए-1951 की धारा 10 के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अयोग्य घोशित किया जा सकता है।
4. व्यय प्रेक्षक द्वारा प्रत्येक अभ्यर्थी के व्यय रजिस्टर का कम से कम 3 बार निरीक्षण किया जावेगा। निरीक्षण इस प्रकार किया जावेगा कि 2 निरीक्षणों के मध्य का अन्तराल 3 दिवस से कम न हो तथा अन्तिम निरीक्षण मतदान के दिन से 3 दिन पहले न हो।
5. निर्वाचन व्यय निगरानी टीमों द्वारा जप्त धनराशि तब तक निर्वाचन व्यय नहीं मानी जावेगी। जब तक कि न्यायालय में दर्ज मुकदमें का अंतिम निर्णय न हो गया हो।
6. प्रत्येक अभ्यर्थी अपने निर्वाचन क्षैत्र में विमान/हेलीकाप्टर लैंड करने के 5 दिवस के अन्दर विमान/हेलीकाप्टर की मालिकाना/लीज पर लेने वाली कम्पनी/देय भाडा यात्रियों के नाम/राजनैतिक दल का नाम के बारे में सम्बंधित रिटर्निंग अधिकारी को सूचित करेगा।
7. अभ्यर्थी द्वारा जहाॅ निर्वाचन अभियान सामग्री नामांकन दािखल करने के बाद में प्रयोग की गई है किन्तु उसका भुगतान पहले कर दिया गया है तब व्यय को व्यय रजिस्टर में शामिल किया जावेगा।
8. आदर्श आचार संहिता लागू होने की अवधि के दौरान सभी टी.व्ही.0 चैनलों/रेडियों/केवल नेटवर्क में राजैतिक प्रकृति के सभी विज्ञापन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी/जिला स्तरीय समिति की पूर्व अनुमति मिल जाने के बाद ही बनाये जा सकते है। उक्त विज्ञापनों का व्यय, रजिस्टर में शामिल किया जावेगा।
9. कोई भी विज्ञापन पूर्व अनुमति के बिना प्रकाशित किया जाता है तब रिटर्निग आफिसर द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127(क) के तहत कार्यवाही की जावेगी।
10. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127(क) के अधीन कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के पम्पलेट,पोस्टर आदि अन्य दस्तावेज प्रकाशक,मुद्रक के नाम, पता आदि प्रकाशक की घोशणा के बिना मुद्रित/प्रकाशित नहीं करवायेगा। प्रेस की जिम्मेदारी है कि वह मुद्रण उपरांत निर्धारित समय में जिला निर्वाचन अधिकारी को दस्तावेज की प्रति के साथ घोशणा की प्रति सौपे। प्रावधान का उल्लघंन करने पर मुद्रक/उस व्यक्ति को 6 माह का कारावास या 2000/- जुर्माने का प्रावधान है।
11. प्रत्येक अभ्यर्थी को दैनिक रिपोर्ट लेखा टीम को देनी होगी।
12. पेड-न्यूज का लेखा-जोखा एमसीएमसी के माध्यम से रखा जावेगा।
13. राजनैतिक पार्टियों द्वारा किये जाने वाला व्यय का हिसाब विधानसभा मतदान के 75 दिन के भीतर आयोग को देना होगा।
14. अभ्यर्थी/उसके प्रतिनिधि का जनसभा/रैली के लिये अनुमति हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के साथ योजना व्यय भी प्रस्तुत करना होगा।
15. लेखा टीम प्रत्येक जनसभा/रैली का व्यय अधिसूचित दरो के आधार पर लेखे में शामिल किया जावेगा।
16. नामांकन दाखिल करते हुए निकाली जाने वाली रैली/जनसभा का व्यय अभ्यर्थी के लेख्ेा में शामिल किया जावेगा।
17. आम जनता के सदस्य स्वैच्छा से किसी अभ्यर्थी की जनरैली/जूलूस/जनसभा में बिना किसी भुगतान प्रतिपूर्ति लिये निजी वाहन के साथ उपस्थित होते है। तब उसे अभ्यर्थी के व्यय में नहीं जोडा जावेगा। किन्तु यदि वाणिज्यिक पंजीकृत वाहन शामिल होते है तब खर्च अभ्यर्थी के लेखे में जोडा जावेगा। पार्टी प्रतिकों के साथ झण्डे, टोपियो आदि का खर्च पार्टी के खाते में डाला जावेगा। किन्तु यदि अभ्यर्थी का नाम एवं फोटो छपा है तब अभ्यर्थी के खाते में जोडा जावेगा।
18. अभ्यर्थी द्वारा प्रचार के प्रयोजनार्थ प्रयुक्त होने वाला एक निजी वाहन,प्रचार वाहन माना जावेगा। उसका ईंधन आदि ड्रायवर के वेतन बाजार दरों पर अनुमानित व्यय, अभ्यर्थी के खाते में जोडा जावेगा। अन्य वाहनों को प्रचार प्रयोजनार्थ मानते हुए वाहनो को किराये पर लेने की अधिसूचित दरो अनुसार व्यय गणना को अभ्यर्थी के लेखे में जोंडा जावेगा।
19. जिला स्तर पर पार्टी कार्यालय के पदाधिकारी के वाहन का व्यय अभ्यर्थीयों के लेखे में नहीं जोडा जावेगा। किन्तु यदि पदाधिकारी स्वयं निर्वाचन लड रहा है तब व्यय अभ्यर्थी के खाते में जोडा जावेगा।
20. राजनैतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा हवाई या अन्य तरह की यात्रा का खर्च अथ्यर्थी द्वारा प्राधिकृत या वाहन व्यय नहीं माना जावेगा। किन्तु नेताओं की सूचना मान्यता प्राप्त राजनैतिक पार्टियों द्वारा 40 व्यक्ति एवं रजिस्ट्रीकृत अमान्यता प्राप्त पार्टियों द्वारा 20 व्यक्तियों की सूचना अधिसूचना की तारीख से 7 दिवस के अन्दर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं भारत निर्वाचन आयोग को देनी होगी। स्टार प्रचारक के यात्रा व्यय को छोडकर रैली का समस्त व्यय अथ्यर्थी के व्यय में जोडा जावेगा। यदि अन्य राजनैतिक दल का स्टार प्रचारक, अभ्यर्थी की सहयोगी पार्टी रैली में हिस्सा लेता है तब खर्च अभ्यर्थी के खाते में जोडा जावेगा। प्रचारक की भोजन व्यवस्था/निवास का खर्च अथ्यर्थी के खाते में जोडा जावेगा। रिटर्निग अधिकारी की अनुमति के बिना प्रचार के लिये वाहनो का उपयोग नहीं किया जावेगा। बेरीकेटस मंच का खर्च अभ्यर्थी के खाते में जोडा जावेगा। केवल निर्वाचन व्यय प्रयोजनार्थ प्रत्येक अभ्यर्थी को पृथक से बैंक खाता खोलना होगा। यह खाता नाम निर्देशन दाखिल करने के कम से कम 1 दिन पहले तक खोला जाना चाहिए। इस खाते की सूचना रिटर्निग आॅफिसर को देनी होगी। निर्वाचन के दौरान किया गया समस्त व्यय इसी खाते से किया जावेगा। तथा समस्त स्त्रोतो से आय का हिसाब भी इसी खाते में रहेगा। यह खाता स्वयं के नाम पर या अभ्यर्थी एक निर्वाचन अभिकर्ता के संयुक्त नाम से खोला जा सकता है।
खाते डाकघरो या को आपरेटिव बैंको में भी खोले जा सकते है। समस्त व्यय क्रास एकाउण्ट पेड चेक द्वारा किया जावेगा। सम्पूर्ण निर्वाचन प्रकिया के दौरान 20,000/- तक नगद भुगतान किया जा सकता है। अभ्यर्थी को अपने निर्वाचन व्यय का लेखा निधा्ररित रजिस्टर में रखना होगा। जिसे समय-समय पर लेखा टीम के अपलेखन के लिये प्रस्तुत करना होगा। मंत्री/संसद सदस्य/विधायक/पार्शद/मेयर/सभापति/नगरपालिका/जिला परिशद को अभ्यर्थी द्वारा एजेन्ट नियुक्त नहीं किया जा सकेगा। बिल और व्हाउचर अभ्यर्थी द्वारा हस्ताक्षरित होने चाहिए। जिला निर्वाचन अधिकारी को अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत लेखा की प्रति कोई भी सदस्य 1/- रूपये प्रति पृश्ठ भुगतान कर प्राप्त कर सकता है। विधानसभा के लिये व्यय की अधिकतम सीमा 16 लाख है। व्यय प्रेक्षक, सहा.व्यय प्रेक्षक, लेखा टीम, स्टेटिक सर्विलेन्स टीम, फ्लाइंग स्काट, विडियों निगरानी टीम, विडीयों अवलोकन टीम, व्यय मानिटरिंग सेल, एमसीएमसी अभ्यर्थी द्वारा किये जा रहे निर्वाचन व्यय पर निगरानी रखेगे।
चुनाव संबंधी प्रमुख कानूनी प्रावधान
झाबुआ 3 अक्टूबर 13/लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत भ्रश्ट आवरण और निर्वाचन अपराधों के बारे में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 तथा निर्वाचन संबंधी अपराधों के बारे में भारतीय दण्ड संहिता के अध्याय-9 के के तहत जो व्यक्ति भ्रश्ट आचरणों तथा निर्वाचन अपराधों का दोशी पाया जाता है। विधि के अनुसार उसका निर्वाचन शुन्य घोशित किया जा सकता है या उसे जैसे कि विधि में बताया गया है जुर्माने से या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
धारा-125 निर्वाचन के संबंध में वर्गो के बीच शत्रुता बढाना
चुनाव के सिलसिले में धरम वंश,जाति समुदाय या भाशा की बुनियाद पर भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गो के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढावा देने की चेश्टा करना संज्ञेय अपराध है।
धारा-126 किसी मतदान क्षेत्र में मतदान समाप्त होने के समय के पहले 48 घण्टे के अन्दर आमसभा करने के संबंध में
किसी मतदान क्षेत्र में मतदान की तारीख या तारीखों में और मतदान खत्म होने के समय के पहले 48 घण्टे के अन्दर आमसभा बुलाने या ऐसी सभा में हाजिर रहने की मनाही है। यह असंज्ञेय अपराध है।
धारा-127 चुनाव सभा में व्यवधान
यदि कोई व्यक्ति इस धारा के अन्तर्गत वर्णित राजनीतिक आमसभा में बाधा डालने के उद्देश्य से कोई उपद्रव करता है अथवा ऐसा करने के लिये दूसरे को उकसाता है तो उसे 6 माह तक के कारावास या/एवं 2000/-रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। यह अपराध संज्ञेय है।
यह धारा निर्वाचन अधिसूचना की दिनांक से विवेचना दिनांक के मध्य की अवधि में आयोजित होने वाली राजनीतिक सभाओं के संबंध में ही लागू होगी।
यदि किसी पुलिस अधिकारी को किसी व्यक्ति द्वारा उक्त अपराध घटित करने की युक्तियुक्त आशंका होती है एवं यदि उस राजनीतिक सभा के अध्यक्ष द्वारा प्रार्थना किये जाने पर उस व्यक्ति से तत्काल अपना नाम पता बताने की माग कर सकता है एवं यदि पुलिस अधिकारी को यह आशंका होती है कि उस व्यक्ति द्वारा अपना गलत नाम व पता दिया है तो वह उस व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है।
(क) कोई भी व्यक्ति कियी निर्वाचन पुस्तिका, पोस्टर,को मुख पृश्ठ पर मुद्रक व प्रकाशक के नाम के बिना प्रकाशित नहीं करेगा और न ही करवायेगा।
इस धारा का अपराध 6 माह तक के कारावास तथा 2000/- रूपये या दोनो के जुर्माने से दण्डनीय है।
धारा-128 मतदान की गोपनीयता को बनाये रखना
चुनाव कार्य में लगे शासकीय कर्मचारी मतदान एवं मतदान संबंधी प्रक्रिया को गोपनीय बनाये रखेगे।
इस धारा के तहत अपराध में तीन माह की सजा या/जुर्माने से दण्डित होगा। यह अपराध असंज्ञेय है।
धारा-129 किसी पुलिस अधिकारी द्वारा किसी व्यक्ति को वोट देने या न देने हेतु प्रेरित करना
कोई भी पुलिस अधिकारी किसी भी चुनाव में किसी को वोट देने या न देने के लिये प्रेरित नहीं करेगा और न मतदान करने के बारे में किसी भी प्रकार से किसी व्यक्ति पर कोई असर डालने की कोशिश करेगा। यह अपराध संज्ञेय है।
धारा-130 मतदान केन्द्रो मे या उनके निकट मत संयाचना का प्रतिशेध
उस तारीख या उन तारीखों में जब कि किसी मतदान स्टेशन में तनाव होने वाला है उस मतदान स्टेशन से 100 मीटर के फासले के अन्दर किसी आम या निजी जगह में नीचे बतलाई गई बातों की मनाही है।
(क) वोट के लिये प्रचार
(ख) वोट के लिये याचना
(ग) किसी खास उम्मीदवार को वोट न देने के लिये किसी देने वाले को प्रेरित करना
(घ) चुनाव में वोट न देने के लिये किसी वोट देने वाले को प्रेरित करना
(च) कोई चुनाव से संबंधित कोई नोटिस या चिन्ह(सरकारी चिन्हों के अलावा) प्रदर्शिंन करना उक्त उपराध 250/- रूपये तक के जुर्माने से दण्डनीय है। यह अपराध संज्ञेय है।
धारा-131 मतदान केन्द्रो में या उनके निकट विच्छंखल आचरण के लिये शास्ति
मतदान के समय किसी मतदान केन्द्र के अन्दर या उसके भीतर जाने के लिये बने दरवाजे या उसके करीब किसी आम या निजी जगह में लाउड स्पीकर बगैरह का इस्तेमाल करने या शोर करने या किसी दूसरे प्रकार से बेहूदा बर्ताव करने या किसी व्यक्ति को ऐसा करने में जान बूझकर सहायता देने या प्रेरित करना तीन माह के कारावास एवं/या जुर्माने से दण्डनीय है। यह अपराध असंज्ञेय है। लेकिन किसी पुलिस अधिकारी को किसी चुनाव केन्द्र के अध्यक्ष केन्द्र के अध्यक्ष द्वारा किसी व्यक्ति को इस जुर्म के लिये गिरफ्तार करने का आदेश दिया जावें तो उस पुलिस अधिकारी के लिये उस व्यक्ति को गिरफ्तार करना जरूरी होगा।
किसी पुलिस अधिकारी को यह अधिकार है कि वह मतदान के समय मतदान केन्द्र में या उसके करीब इस धारा के उल्लंघन को रोकने के लिये जरूरी कदम उठा सकता है और जरूरी बल प्रयोग कर सकता है और इस प्रकार की खिलाफ मर्जी के लिये इस्तेमाल में लाये जाने वाले लाउड स्पीकर या दीगर यंत्र को जप्त कर सकता है।
धारा-132 मतदान केन्द्र के अवचार के लिये शास्ति
मतदान केन्द्र में ड्यूटी के लिये तैनात कोई भी पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को जो उस मतदान केन्द्र पर मतदान के लिये मुकर्रर किये गये समय के बीच में दुव्र्यवहार करता है या चुनाव केन्द्र के अध्यक्ष द्वारा कायदे के मुताबिक दिये गये आदेशो को नहीं मानता है वहाॅ से हटा सकता है, लेकिन इस अधिकार को इस प्रकार इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिये जिससे कि कोई व्यक्ति जिसे अन्यथा वह वोट देने का अधिकार है, वोट न देने पावे।
मतदान केन्द्र के उपर बताये गये मुताबिक हटा दिये जाने के बाद अध्यक्ष की ईजाजत के बिना उस मतदान केन्द्र के अन्दर फिर से आना संज्ञेय अपराध है।
धारा-133 चुनाव हेतु अवैधानिक रूप से वाहनो का परिवहन करना
चुनाव हेतु किराये पर अथवा अन्य तरीके से किसी प्रत्याशी अथवा उसके एजेन्ट अथवा अन्य व्यक्ति द्वारा प्रत्याशी की सहमती से मतदाताओं को चुनाव केन्द्र तक लाने अथवा उसे निकट स्थान तक लाने/ले जाने के लिये किसी प्रकार के परिवहन की व्यवस्था करना चुनाव में भ्रश्ट आचरण के तहत आता है। उपरोक्त अपराध तीन माह के कारावास एवं जुर्माने से दण्डनीय है। यह उपराध असंज्ञेय है।
धारा-134 (ख) मतदान केन्द्रो के पास घातक हथियारो से भ्रमण नहीं करना
चुनाव डयूटी पर तैनात कर्मचारियों के अलावा अन्य कोई भी व्यक्ति मतदान के दिन मतदान केन्द्र के पास घातक हथियारो से जो आम्र्स एक्ट से परिभाशित है, के साथ भ्रमण नहीं करेगा।
इस धारा का अपराध करने पर दो वर्श का कारावास या/एवं जुर्माने का प्रावधान है। यह अपराध संज्ञेय है।
धारा-135 बूथ कैप्चरिंग
जो कोई बूथ कैप्चरिंग का अपराध करता है वह न्यूनतम एक वर्श से तीन वर्श तक के कारावास एवं जुर्माने से दण्डित होगा तथा किसी शासकीय कर्मचारी द्वारा यह अपराध करने पर न्यूनतम तीन से पांच वर्श की संजा एवं जुर्माने से दण्डित होगा।
बूथ कैप्चरिंग से तात्पर्य बूथ पर बल प्रयोग कब्जा करना है। इसके अलावा निम्न कार्यवाही भी बूथ कैप्चरिंग की श्रेणी में मानी जायेगी।
मतदान केन्द्र या नियत स्थान को अपने कब्जे में लेकर मात्र अपने समर्थकों को ही मत डालने देना तथा अन्य लोगो को इस अधिकार से वंचित करना।
किसी मतदान को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से धमकी देना या वहाॅ मतदाताओं को मत देने या न देने के लिये बाध्य करना।
मतगणना के स्थान पर कब्जा करना अथवा ऐसा कार्य करना जो मतगणना को प्रभावित करता हो।
धारा-135 (ग)
मतदान समाप्त होने के नियत सीमा के 48 घण्टे पूर्व की अवधि में उस मतदान क्षेत्र के भीतर शराब या मादक पदार्थो का विक्रय वितरण किया जाना मना है।
धारा-136 अन्य अपराध
किसी नामांकन पत्र को छलपूर्वक नश्ट अथवा खराब करना
निर्वाचन अधिकारी द्वारा लगाये गये नोटिस अथवा अन्य किसी दस्तावेज को छलपूर्वक निकालना अथवा नश्ट करना अथवा खराब करना।
किसी मतपत्र या अन्य किसी चुनाव संबंधी शासकीय सील,इत्यादि को छलपूर्वक नश्ट करना या खराब करना।
अधिकार क्षेत्र के बिना किसी व्यक्ति से चुनाव पत्र लेना अथवा देना
मतपेटी में छलपूर्वक मतपत्र के अलावा अन्य कोई अनैतिक वस्तु डालना
बिना अधिकार के किसी मतपेटी अथवा मतपत्रों को कब्जे में लेना, खोलना अथवा नश्ट करना,
छलपूर्वक तथा बिना अधिकार क्षेत्र के उपरोक्त में से किसी कृत्य को करना अथवा करने के उत्पे्ररण करना।
उपरोक्त में से कोई अपराध यदि चुनाव ड्यूटी में लगे किसी अपराधी द्वारा किया जाता है तो वह दो वर्श तक के कारावास /या जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। इसके अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उपरोक्त अपराध करने पर उसे 6 माह तक का कारावास एवं/या जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। यह अपराध संज्ञेय है।
भारतीय दण्ड संहिता धारा-171 रिश्वत
किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को अपने पक्ष में अथवा अन्य किसी के पक्ष में मतदान करने के लिये किसी प्रकार से ईनाम/पारितोशिक अथवा अन्य कोई लालच देकर प्रेरित या आश्वासन दिया जाना इस धारा के तहत अपराध होगा। परन्तु किसी लोक नीति की घोशणा इसके अन्तर्गत नहीं आती।
धारा-171-ग निर्वाचन पर अवैध प्रभाव डालना
जो कोई किसी व्यक्ति को किसी के पक्ष में मतदान करने या न करने के लिये किसी प्रकार की क्षति की धमकी देता है वह इस अपराध का अपराधी होगा।
धारा-171-घ निर्वाचन में प्रतिरूपण
कोई भी किसी अन्य व्यक्ति के नाम मतदान करनो हेतु प्रेरित करता है या दुश्प्रेरित करता है तो वह इस अपराध का अपराधी होगा।
उपरोक्त तीनो अपराध में अपराधी एक साल तक के कारावास या जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
धारा 171-छ निर्वाचन के संबंध में मिथ्या कथन
कोई व्यक्ति किसी चुनाव को प्रभावित करने के लिये किसी प्रत्याशी के व्यक्ति सील या आचरण के संबंध में जान बुझकर कोई असत्य कथन करता है तो वह इस धारा के तहत अपराधी होगा। यह अपराध जुर्माने से दण्डनीय है।
धारा-171 ज निर्वाचन के सिलसिले में अवैध संदाय
जो कोई व्यक्ति प्रत्याशी की अनुमति के बिना प्रत्याशी के पक्ष में किसी प्रकार का विज्ञापन प्रकाशित करता है या अन्य कोई व्यय करता है/करवाता है तो वह इस धारा के तहत 500/- रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
धारा-171 झ निर्वाचन लेखा करने में असफलता
विधि अथवा नियम के तहत जो व्यक्ति जिस निर्वाचन के संबंध में व्यय का लेखा जोखा रखा जाना है, ऐसा करने में असफल रहता है वह 500/- रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
उपरोक्त धाराओ में अभियुक्त को जुर्माने से दण्डित जा सकता। धारा 171 की समस्त धाराऐ ख-से लेकर झ तक असंज्ञेय एवं जमानती है।
मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण अधिनियम 1994
धारा-3 के तहत जो व्यक्ति पेन्ट,स्याही,चाॅक या अन्य सामग्री से किसी सम्पत्ति पर कुछ भी लिखकर या अन्य प्रकार से एस सम्पत्ति के मालिक की लिखित अनुमति के बिना सम्पत्ति का विरूपण करता है, वह 1000/- रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
विरूपण से तात्पर्य किसी वस्तु सामग्री की सामान्य लिखावट, सुन्दरता को खराब कर नुकसान पहुॅचना, उसमें बाधा पेदा करना, अप्रभ्रश्ट करना इत्यादि माना जायेगा। भवन, ईमारत, दीवार, पेड, खम्बा, टाॅवर, बाड, बाउण्ड्रीवाॅल यह सब सम्पत्ति में शामिल माना जायेगा। यह अपराध संज्ञेय है।
मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985
कोलाहल से तात्पर्य इस प्रकार की आवाज से है जो किसी सामान्य व्यक्ति को मानसिक अथवा शारीरिक रूप से कश्ट पहुॅचाती हो। तथापि सक्षम अधिकारी उपरोक्त प्रतिबंध से छूट दे सकता है।
धारा-15 सजा:- इस अधिनियम/उसके नियम का उल्लंघन करने पर 6 माह तक के कारावास या/एवं 1000/- रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
धारा-16(1) ध्वनी विस्तारक जप्त करने की शक्ति
प्रधान आरक्षक और उसके उपर का कोई भी पुलिस अधिकारी इस अधिनियम/नियम का उल्लंघन करने पर ध्वनी विस्तारक को जप्त कर सकता है।
धारा-16(2) पुलिस अधिकारी/न्यायालय के समक्ष ध्वनी विस्तारक के कब्जे के हकदार व्यक्ति द्वारा समाधानकारक/जमानत पेश करने पर पुलिस अधिकारी/न्यायालय ध्वनी विस्तारक को सुपूर्दनामें पर वापिस दे सकता है।
धारा-16 (3) जो व्यक्ति कार्यपालिक दण्डाधिकारी से अनुमति लेकर ध्वनी विस्तारक का प्रयोग करता है,उसे पुलिस अधिकारियों द्वारा मांगने पर अनुमति पत्र पेश करना अनिवार्य हैं। अन्यथा वह एक माह तक के कारावास या/एवं 500/-रूपये से दण्डित किया जा सकता है।
इस अधिनियम के तहत समस्त अपराध असंज्ञेय एवं जमानती हैं।
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