पटना। आज दिनांक 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर केदार भवन पटना में अल्पसंख्यकांे को न्याय दिलाने के लिए आयोजित राज्यस्तरीय कन्वेंशन मसुद मंजर, सरदार त्रिलोकी सिंह, अतीक अहमद खां की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस सम्मेलन में इंसाफ के महासचिव इरफान अहमद फातमी ने कार्यक्रम में आये सभी लोगों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में आज सभी अल्पसंख्यकों सिख, इसाई, बौद्ध, मुस्लमान एवं जैन की समस्याएं एक जैसी है। समस्याओं के खिलाफ एकजुट होकर संधर्ष करने का आह्वान किया।
इस कन्वेंशन में बिहार के वरिष्ट पत्रकार रेयाज अजीमाबादी ने संबोधित करते हुए कहा कि सभी अल्पसंख्यकों को एक मंच पर आकर सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को लागू करने के लिए बल दिया। प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए राजनीतिक पार्टियों पर प्रहार करते हुए कहा कि ये लोग अल्पसंख्यक को विभाजीत कर अपनी स्यासत को चलाते हैं। आक्रामक हिन्दु साम्प्रदायिकाता ने हिन्दी राज्यों को अपना निशाना बनाया हैं। तमाम धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट होकर सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया।
मसहूर मजदूर नेता एटक एवं पूर्व राजसभा सांसद गया सिंह ने आह्वान किया कि आज बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यकों के बच्चें और औरतें आज बदहाल नजर आती हैं। आपको उस वक्त तक इंसाफ नहीं मिलेगा जबतक इंसाफ के लिए संधर्ष नहीं करेंगें। आज पुरे राज्य में अल्पसंख्यकों का ऐदारा को खत्म किया जा रहा है। नौकरी में भागीदारी सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। यहां तक मुस्लमानों को आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा हैं। इसलिए स्यासी तैर पर एकजुट होकर अपने आवाज को जोरदार तरीके से उठाना होगा साथ ही धर्मनिरपेक्ष वामपंथी ताकतों को एकजुट होकर संधर्ष करना होगा।
यह कन्वेंशन 11 सूत्री मांगों पर प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि लगातार इसको लेकर जद्दो जेहद चलाया जायेगा। साथ ही 6-7 नवंबर को अलीगढ़ में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने के लिए 30 साथियों का चयन किया गया जो बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इस कन्वेंशन में विभिन्न जिलाओं से आये हुए प्रतिनिधियों ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि पूरे राज्य में आज अल्पसंख्यक दलितों से भी बर्दतर हो चुके हैं। साथ ही ये भी बताया कि उर्द एवं फारसी के पदों पर सही तरीके से नियुक्ति नहीं की जा रही है। अल्पसंख्यकों के लिए वित्तीय सहायता तेज की जाये व रोजगार की गारंटी की जाये। वक्ताओं ने कहा कि न तो अभी तक केन्द्र सरकार की सच्चर कमिटि, रंगनाथ मिश्रा आयोग एवं साम्प्रदायिकता विरोधी प्रस्तावित बिल को स्वीकृत नहीं किया है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पूर्व विधान परिषद सदस्य बद्रीनारायण लाल, डाॅ. गोपाल राम, कमरूल हसन, शाह इमरान गनी, मोख्तारूल हसन, मो. यहिया, रेयाज अहमद आतिश, समर टालवी, अफजल हसन के अलावा अन्य आये नेताओं ने संबोधित किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें