प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने न्यायमूर्ति जेएस वर्मा के परिवार को आश्वस्त किया है कि अगर यह साबित हुआ कि भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश की मौत चिकित्सकीय लापरवाही के कारण हुई है तो इसकी जवाबदेही तय की जाएगी।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश की पत्नी पुष्पा वर्मा को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपकी बात से सहमत हूं कि अगर उपचार में कोई लापरवाही हुई है, तो इसकी जवाबदेही तय किये जाने की जरूरत है। न्यायमूर्ति वर्मा की पत्नी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनके उपचार में खामियों का आरोप लगाया था।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश का अप्रैल में 80 वर्ष की आयु में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। उनके विभिन्न अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। पुष्पा वर्मा के अलावा पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएन वेंकटचलैया सहित 34 जानीमानी हस्तियों ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाया था। इन प्रबुद्ध नागरिकों ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पेशेवर मानक स्थापित किये जाने की मांग भी की।
पुष्पा वर्मा ने मनमोहन सिंह को जुलाई में लिखे पत्र में कहा था कि अगर जरूरत हुई तो उनके (न्यायमूर्ति वर्मा) उपचार से जुड़े सभी कागजात एवं दस्तावेज हमारे पास हैं। अगर इस तरह की चीजों से बचा जा सकता है तो हमारे साथ हुए अन्याय से कुछ अच्छा निकलेगा। अपने जवाब में सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पत्र को स्वास्थ्य मंत्रालय के पास भेज दिया है। प्रधानमंत्री ने लिखा कि और आपने जिस विषय को उठाया है कि उसके बारे में मंत्रालय आगे कार्रवाई के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से विचार-विमर्श कर रहा है।
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