चारा घोटाले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के जेल जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। विपक्ष के साथ-साथ अब उनकी पार्टी में भी उनके खिलाफ बागी तेवर देखे जा रहे हैं। गोपालगंज से जेडीयू सांसद पूर्णमासी राम ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चारा घोटाले में नीतीश कुमार का नाम है और अगर वह दोषी हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। गौरतलब है कि लालू के साथ नीतीश की पार्टी के सांसद जगदीश शर्मा भी चारा घोटाले में दोषी करार दिए गए हैं।
चारा घोटाले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को दोषी ठहराये जाने के बाद राबड़ी देवी पहली बार मंगलवार को मीडिया से मुखातिब हुईं। राबड़ी ने कहा कि जिस घोटाले के लिए लालू को दोषी ठहराया गया है, उसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी नाम था। उन्होंने सवाल उठाया कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? गौरतलब है कि चारा घोटाले के मुख्य आरोपी ने नीतीश कुमार का नाम भी लिया था। उस आरोपी ने कहा था कि मैंने नीतीश कुमार को भी पैसे दिए थे। लेकिन, बाद में सबूत नहीं मिलने के कारण सीबीआई ने नीतीश का नाम आरोपियों की लिस्ट से हटा दिया था। हालांकि, इसके खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा है।
राबड़ी देवी ने मंगलवार को सवाल उठाया कि जो सीबीआई मेरे पति लालू यादव के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, वहीं सीबीआई नीतीश को क्यों बचा रही है? राबड़ी देवी ने कहा कि लालू को जिस मामले में दोषी ठहराया गया है, उसी मामले में नीतीश कुमार और उन्हीं की पार्टी के सांसद शिवानंद तिवारी भी आरोपी थे, लेकिन सीबीआई उन दोनों को बचा रही है। आपको बता दें कि करीब 1 हजार करोड़ रुपये के चारा घोटाले के कारण बिहार की सियासत में भूचाल आ गया था। चारा घोटाले के मुख्य अभियुक्त श्याम बिहारी सिन्हा ने कोर्ट को दिए अपने बयान में नीतीश कुमार और शिवानंद तिवारी को पैसा दिए जाने की बात कही थी। बाद में सीबीआई ने आरोपियों की सूची से इन दोनों का नाम हटा दिया था। इस मामले पर कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई करते कोर्ट ने 22 नवंबर तक सीबीआई को रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। गौरतलब है कि शिवानंद तिवारी पहले लालू की पार्टी में थे, लेकिन बाद में वह नीतीश के साथ आ गए।
बिहार के सियासी पंडितों का कहना है कि नीतीश कुमार को अब यह डर सता रहा है कि उनका भी हाल कहीं लालू की तरह ना हो जाए। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि नीतीश इसी डर की वजह से आज-कल कांग्रेस की वंदना कर रहे हैं। वह कभी मनमोहन सिंह की तो कभी राहुल गांधी की प्रशंसा कर रहे हैं। अब देखना होगा की आगामी 22 नवंबर को सीबीआई इस मुद्दे पर क्या स्टैंड लेती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें