भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर ने यह कहते हुए मौजूदा अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन की आलोचना की है कि वह तानाशाही प्रवृति के इंसान हैं। मनोहर के मुताबिक श्रीनिवासन को उसी वक्त इस्तीफा दे देना चाहिए था, जब उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन को सट्टेबाजी मामले में गिरफ्तार किया गया था। मुम्बई से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र 'मुम्बई मिरर' के मुताबिक मनोहर ने यह भी कहा कि पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया सहित बोर्ड के कुछ सदस्यों ने उनसे 29 सितंबर को हुए चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश करने का आग्रह किया था।
मनोहर ने कहा, "श्रीनिवासन को अध्यक्ष पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। अगर उनमें थोड़ा भी विवेक और आत्मसम्मान और बोर्ड के लिए अच्छी भावना होती तो उन्होंने उसी समय इस्तीफा दे दिया होता, जब आईपीएल में भ्रष्टाचार के मामले में मयप्पन को गिरफ्तार किया गया था।"
वर्ष 2008 से 2011 तक बोर्ड अध्यक्ष रहे मनोहर ने कहा कि श्रीनिवासन ने अपने दामाद की गिरफ्तारी के बाद जो कुछ किया है, वह बेहद खेदजनक है और इससे बोर्ड की छवि को इतना गहरा आघात लगा है कि अब लोगों का विश्वास ही इस पर से उठ गया है।
मनोहर ने कहा कि डालमिया सहित कुछ सदस्यों ने उनसे दोबारा चुनाव लड़ने को कहा था लेकिन वह ऐसा नहीं करना चाहते थे। मनोहर बोले, "मैंने दो साल पहले बोर्ड को छोड़ दिया था। अब मैं दोबारा बीसीसीआई दफ्तर में कदम नहीं रखना चाहता। मेरी वापसी की कोई इच्छी नहीं थी।"
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