प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उत्तराखंड में आई बाढ़ और भूस्खलन ने प्राकृतिक आपदाओं के प्रति भारत की कमजोरी को उजागर कर दिया। इस आपदा में हजारों लोगों की मौत हुई। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के नौवें स्थापना दिवस पर मनमोहन सिंह ने कहा, "उत्तराखंड में बाढ़ और भूस्खलन से बड़े पैमाने पर हुई जान और माल की हानि ने न केवल आपदाओं के प्रति भारत की कमजोरी को दिखाया वरन ऐसी आपदाओं को रोकने तथा ऐसी आपदाएं आने पर उनका प्रभाव कम करने के लिए प्रभावी कदमों की जरूरत को भी स्पष्ट किया।" प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की तबाही से सही सबक सीखना महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्यो में भूमिका निभाने वाली कई केंद्रीय और राज्य की एजेंसियों के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों और आम लोगों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "मैं भारतीय वायुसेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, नागरिक प्रशासन, नागरिक उड्डयन से जुड़े उन सभी बहादुर लोगों के प्रति श्रद्धांजलि प्रकट करता हूं जिन्होंने दूसरों को बचाने में अपनी जान गंवा दी।"
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आपदा के बाद बचाव और राहत का कार्य संपन्न हो चुका है और पुनर्निर्माण, पुनर्वास और रोजगार की बहाली का काम अभी पूरा नहीं हुआ है।
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