बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में 1990-96 के दौरान बिहार में दूसरे नंबर का शक्तिशाली आदमी माना जाने वाला मुकुल किशोर कपूर 17 वर्षो से सीबीआई को चकमा दे रहा है। कपूर को चारा घोटाले में लालू प्रसाद का निकटतम सहयोगी माना जाता है। दावा है कि कपूर उत्तराखंड के देहरादून में मजे की जिंदगी जी रहा है। लालू प्रसाद उन 45 लोगों में से शामिल हैं जिन्हें चारा घोटाले से संबंधित एक मामले में रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 30 सितंबर को दोषी ठहराया था और गुरुवार को सभी को सजा सुनाई गई। जैसे ही चारा घोटाले की परतें उघड़ने लगीं, लालू प्रसाद के सचिव मुकुल किशोर कपूर लापता हो गए।
यहां एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "मुकुल चारा घोटाला मामले में किसी भी आदमी से ज्यादा जानकारी रखने वाला व्यक्ति है, क्योंकि उसे लालू की आंख-कान माना जाता था। लेकिन जैसे ही चारा घोटाला उजागर हुआ वह लापता हो गया। मुकुल ही कथित रूप से चारा घोटाले की राशि का हिसाब-किताब रखता था।" एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा, "मुकुल की गिरफ्तारी से चारा घोटाले के बारे में और ज्यादा खुलासे हो सकते हैं। उस समय उसकी नजरों से ही गुजरकर कुछ भी लालू के पास पहुंता था।" लेकिन सीबीआई 17 वर्षो से मुकुल का पता लगाने में विफल है।
लालू प्रसाद के विरोधियों का दावा है कि राजद प्रमुख को बचाने के लिए मुकुल को लापता कर दिया गया। प्रदेश भाजपा के नेता नितिन नवीन ने कहा, "मुकुल को भूमिगत हो जाने और चमक-दमक से दूर जीवन जीने के लिए कहा गया, क्योंकि उसकी गिरफ्तारी से लालू प्रसाद के लिए ढेरों मुश्किलें खड़ी हो सकती थीं।" मुकुल के करीबियों और उसकी पत्नी ने आईएएनएस से कहा कि मुकुल जिंदा है और देहरादून में रह रहा है।
एक सूत्र ने कहा, "मुकुल स्वस्थ है और मजे की जिंदगी जी रहा है। हमें यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर क्यों सीबीआई उसे चारा घोटाला मामले में गिरफ्तार नहीं कर रही है।"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें