ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स स्टेडियम में अपने अंतिम टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर सिर्फ 10 रन बना सके लेकिन उनकी मौजूदगी से प्रेरित टीम इंडिया के युवाओं ने वेस्टइंडीज को पहले टेस्ट में शुक्रवार को एक पारी और 51 रनों से हराकर इस महान खिलाड़ी को विदाई शृंखला में शानदार तोहफा दिया।
इस मैच के नायक रहे रोहित शर्मा (177), रविचंद्रन अश्विन (124 रन, पांच विकेट) और मोहम्मद समी (नौ विकेट)। रोहित और अश्विन ने जहां पहली पारी में रिकार्ड साझेदारी करते हुए भारत के लिए जीत की जमीन तैयार की वहीं समी ने अपनी कहर बरपाती रिवर्स स्विंग गेंदों से कैरेबियाई बल्लेबाजों को तीसरे दिन ही घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
रोहित और समी ने पर्दापण टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन किया। समी ने जहां जाने-पहचाने माहौल का फायदा उठाकर अपने रिवर्स स्विंग का रंग दिखाया वहीं मैन ऑफ द मैच चुने गए रोहित ने अपने पसंदीदा मैदानों में से एक ईडन पर भारत की ओर से पर्दापण टेस्ट में तीसरा शतक लगाया।
दो मैचों की इस शृंखला में भारत ने 1-0 की बढ़त बना ली है। दूसरा टेस्ट 14 नवम्बर से मुम्बई में होगा। यह सचिन का 200वां और अंतिम टेस्ट होगा। तीसरे दिन का खेल नाटकीय अंदाज में बदला। भारत की पहली पारी भोजनकाल से ठीक पहले 453 रनों पर सिमटी और फिर भारतीय गेंदबाजों ने कैरेबियाई पारी को दिन का खेल खत्म होने तक 54.1 ओवरों में समेट दिया। शिवनारायण चंद्रपॉल 31 रनों पर नाबाद लौटे। चंद्रपॉल अपनी टीम के लिए कुछ खास नहीं कर सके। दोनों पारियों में नॉटआउट रहते हुए उन्होंने बस अपना औसत बेहतर किया।
अपनी पारी का 48वां ओवर समाप्त होने तक वेस्टइंडीज ने पांच विकेट पर 152 रन बनाए थे। ऐसा लग रहा था कि चंद्रपॉल और कप्तान डारेन सैमी (8) मैच को चौथे दिन खींचकर ले जाएंगे लेकिन समी ने 49वें ओवर की दूसरी गेंद पर समी को बोल्ड कर दिया। यह एक शानदार रिवर्स स्विंग गेंद थी। सैमी का स्थान लेने शेन शिलिंगफोर्ड (0) आए, जिन्होंने भारत के छह विकेट झटके थे। समी ने इसी ओवर की पांचवीं गेंद पर शिलिंगफोर्ड को रिवर्स स्विंग गेंद पर बोल्ड कर दिया। शिलिंगफोर्ड का स्थान लेने आए वीरासैमी परमॉल (0) को भी समी ने रिवर्स स्विंग में फंसाने का प्रयास किया लेकिन वह बच गए। उसी गेंद पर रन चुराने के प्रयास में वह हालांकि रन आउट हो गए। यह रन आउट धोनी ने किया।
इसके बाद पारी के 52वें ओवर मे अश्विन ने टीनो बेस्ट (3) को बाउंड्री पर कैच करा दिया और फिर सैमी ने कॉटरेल (5) को बोल्ड करते हुए तीसरे दिन ही भारत की जीत पक्की कर दी। इस विकेट के साथ समी ने पांच का आंकड़ा छुआ। चायकाल से पहले वेस्टइंडीज ने 110 रनों पर तीन विकेट गंवाए थे। उस समय तक क्रिस गेल (33), कीरन पॉवेल (36) और मार्लन सैमुएल्स (4) का विकेट गिरा था। चायकाल के बाद मेहमान टीम पूरी तरह भटक गई और अपने सात विकेट मात्र 65 रनों पर गंवा दिए। इससे पहले, भारत ने पहली पारी में 453 रन बनाए। भारत को 219 रनों की अहम बढ़त हासिल हुई। वेस्टइंडीज की ओर से शेन शिलिंगफोर्ड ने 167 रन देकर छह विकेट हासिल किए। शिलिंगफोर्ड ने करियर में पांचवीं बार पारी में पांच विकेट लिए। भारतीय पारी भोजनकाल से ठीक पहले समाप्त हुई।
भारतीय टीम ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक छह विकेट पर 354 रन बनाए थे। अपने करियर के पहले ही टेस्ट में शतक लगाने वाले रोहित शर्मा 127 और रविचंद्रन अश्विन 92 रनों पर नाबाद लौटे थे। रोहित और अश्विन ने दिन की शुरुआत ठीक उसी तरह की, जिस तरह से उन्होंने दूसरे दिन की समाप्ति की थी। सबसे पहले अश्विन ने 159 गेंदों पर अपने करियर का दूसरा शतक पूरा किया और फिर रोहित ने 254 गेंदों पर 150 रनों का आंकड़ा छुआ।
दोनों ने इस साझेदारी के दौरान सातवें विकेट के लिए भारत के लिए सबसे अधिक रन जोड़े। इन दोनों ने दिलीप वेंगसरकर और रवि शास्त्री के बीच 1986 में हुई 259 (नाबाद) की साझेदारी को पीछे छोड़ दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुम्बई में खेले गए उस मैच में वेंगसरकर ने नाबाद 164 रन बनाए थे जबकि शास्त्री 121 रनों पर नाबाद लौटे थे। वह मैच बराबरी पर छूटा था। ऐसा लग रहा था कि रोहित आसानी से अपना दोहरा शतक पूरा कर लेंगे लेकिन अम्पायर के एक गलत फैसले ने उन्हें तथा दर्शकों को निराश कर दिया। रोहित 177 रन बनाकर पवेलियन लौटे। उस समय कुल योग 436 रन था।
रोहित वीरासैमी परमॉल की गेंद पर पगबाधा हुए। वह अपने खिलाफ दिए गए फैसले से नाराज थे क्योंकि वीरासैमी परमॉल की गेंद ऑफ स्टम्प के बाहर गिरी थी और दाएं हाथ के बल्लेबाज रोहित से दूर जा रही थी। गेंद जिस तरह से पैड पर टकराई थी, उससे साफ था कि वह ऑफ स्टम्प से नहीं टकहाती। रोहित इस फैसले के बाद कुछ पल के लिए विकेट पर रुके रहे और फिर भारी कदमों के साथ पवेलियन की राह ली। रास्ते में वे कुछ बुदबुदा रहे थे। जाहिर था कि वह अम्पायर के फैसले से बेहद नाराज थे।
रोहित सिर्फ 23 रनों के अंतर से उन पांच खिलाड़ियों की सूची में शामिल नहीं हो सके, जो पदार्पण टेस्ट में शतक लगा चुके हैं। इस क्लब में इंग्लैंड के आरई फोस्टर, वेस्टइंडीज के लॉरेंस रो, श्रीलंका के ब्रेंडन कुरुप्पू, न्यूजीलैंड के एमएस सिंक्लेयर और दक्षिण अफ्रीका के जैक्स रुडॉल्फ शामिल हैं। रोहित का विकेट गिरने के बाद वेस्टइंडीज के गेंदबाज हावी हो गए। इसी क्रम में अश्विन का विकेट 444 रनों के कुल योग पर गिरा। वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरा शतक लगाने वाले अश्विन ने 210 गेंदों पर 11 चौके लगाए। फिर 451 के कुल योग पर भुवनेश्वर कुमार (12) और 453 के कुल योग पर मोहम्मद समी (1) का विकेट गिरा।
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