वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंगलवार को केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने डेढ़ सौ लोगों की मौजूदगी में छह घंटे के पूजा पाठ के बाद कपाट बंद करने की रस्म पूरी की। समाधि पूजा के दौरान शिवलिंग को करीब एक क्विंटल भस्म लगाई गई। इसे नासिक से महामंडलेश्वर स्वामी समविदानंद लेकर आए थे।
कपाट बंद किए जाने से पहले यह पूजा की जाती है। सर्दी के महीनों में यह धाम बर्फ से ढक जाता है और यहां तक पहुंचना मुश्किल रहता है। इस बार कपाट बंद होने की रस्म देखने कई श्रद्धालु भी जुटे थे, जिनमें कई विदेश से आए हुए थे। इस दौरान बर्फीली हवा और बर्फबारी होती रही। इसके बाद उत्सव डोली के रूप में जाने जाने वाली शिव की एक प्रतिमूर्ति को पालकी में सवार करके ऊखीमठ ले जाया गया। मंगलवार को ही यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी बंद किए जाने हैं।
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