मंगलयान पृथ्वी की कक्षा छोड़ मंगल यात्रा पर निकलेगा. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 30 नवंबर 2013

मंगलयान पृथ्वी की कक्षा छोड़ मंगल यात्रा पर निकलेगा.

मंगल अभियान में एक दिसंबर को रात 12 बजकर 42 मिनट पर ट्रांस मार्स इजेक्शन के महत्वपूर्ण चरण को अंजाम दिया जाएगा। मंगलयान करीब 10 माह की अंतरिक्ष यात्रा करने के बाद 24 सितंबर 2014 को लाल ग्रह की कक्षा में पहुंचेगा। इसरो के पीएसएलवी सी 25 ने 1350 किग्रा वजन वाले मंगलयान ऑर्बिटर को पांच नवंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से दोपहर दो बजकर 38 मिनट पर प्रक्षेपित किया था और इसके करीब 44 मिनट बाद इसे पृथ्वी के इर्दगिर्द कक्षा में स्थापित कर दिया गया। इसी के साथ 450 करोड़ रूपए की लागत वाले इस अभियान का पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो गया था।

पृथ्वी की कक्षा में इसे स्थापित करने के बाद इसरो ने मार्स ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान को कक्षा से बाहर निकालने की पहली प्रक्रिया भी सफलतापूर्वक पूरी की। मंगल अभियान के तहत इसे कक्षा से बाहर निकालने के संदर्भ में कुल पांच प्रक्रियागत ऑपरेशन किए गए। दूसरी और तीसरी प्रक्रिया के तहत मिशन के अधिकतम बिन्दू (एपोजी) को बढ़ाकर क्रमश: 40 हजार किलोमीटर और 71,650 किलोमीटर किया गया। मंगल अभियान के तहत कक्षा से बाहर निकलने की चौथी और पांचवीं प्रक्रिया 11 और 16 नवंबर को पूरी की गई, जिसके तहत इसकी अधिकतम दूरी को बढ़ाकर क्रमश:1 लाख किलोमीटर और 1.92 लाख किलोमीटर किया गया।

भारत के इस महत्वाकांक्षी मंगलयान अभियान ने उस समय सफलता के एक और झंडे गाड़े जब लाल ग्रह के लिए भेजे गए मंगलयान ने आंध्र प्रदेश के तट की ओर बढ़ रहे भीषण चक्रवाती तूफान हेलन की तस्वीरें कैद कर भेजी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि मंगलयान ने पृथ्वी की तस्वीरों का पहला सेट भेजा है जिसमें भारतीय उपमहाद्वीप एवं अफ्रीका के कुछ भागों की तस्वीरों को कैद किया गया है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी को एक से अधिक तस्वीरें मिली लेकिन उसने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी केवल एक तस्वीर जारी की।

कोई टिप्पणी नहीं: