बोधगया में हुए सीरियल ब्लास्ट की गुत्थी सुलझाने का दावा एनआइए सूत्रों ने किया है। एनआइए का इरम लॉज में छापेमारी के दौरान कुछ स्केच मिले थे, जिसकी जांच एनआइए ने की। इसी आधार पर बोधगया सीरियल ब्लास्ट सुलझाने का दावा एनआइए सूत्रों ने किया है।
इरम लॉज से लोटस कंपनी की 12 घड़िया मिली थीं। ऐसी ही घड़ियों का इस्तेमाल बोधगया ब्लास्ट में किया गया था। एनआइए के जांच में यह बात भी आया है कि गुजरात से इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकियो ने 300 लोटस घड़ियां खरीदी थीं। बोधगया और पटना ब्लास्ट में वैसी ही घड़ियों का इस्तेमाल किया गया। उन्हीं घड़ियों की खेप से 12 घड़ियां इरम लॉज में मिली हैं।
महाबोधी मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच एनआइए ने की है। इसके वीडियो फुटेज में कुछ संदिग्ध दिखे थे। यासिन भटकल की गिरफ्तारी के बाद उसे यह फुटेज दिखाए गए थे, जिसमें उसने आतंकी तहसीन की पहचान भी की थी। एनआइए और एटीएस राजस्थान ने आतंकी मो. हैदर की तलाश में राजस्थान में छापेमारी जारी है। एजेंसियों की सूचना मिली है कि हैदर राजस्थान में ही कहीं छुपा है। मूलरूप से बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला हैदर 2009 तक डोरंडा के दर्जी मुहल्ला में रहता था। तीन साल तक वह रांची से गायब रहा इस दौरान कई सीरियल ब्लास्टों में हैदर की भूमिका सामने आई है। इसी साल फरवरी महीने से इरम लॉज में वह सलीम अंसारी के नाम से रह रहा था।
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