अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में सरकार के साथ उच्चतम न्यायालय में कानूनी लड़ाई लड़ने वाले पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल वी़ क़े सिंह ने अपनी आयु को लेकर उठे विवाद और टाट्रा ट्रक घोटाला मामलों में प्रधानमंत्री कार्यालय को घसीटा। उन्होंने पीएमओ पर आरोप लगाया है कि वहां के एक वरिष्ठ अफसर ने मुद्दों का ताना-बाना बुना।
उन्होंने हाल में प्रकाशित अपनी आत्मकथा करेज एंड कन्विक्शन में दावा किया है कि आयु विवाद मामले की दूसरी सुनवाई के बाद संभवत: मीडिया उन्हें उनके पद से हटता देखना चाहता था। सिंह ने कहा कि लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मिलने के बाद उन्होंने सेना प्रमुख बने रहने का फैसला किया। उन्होंने उन्हें निशाना बनाने वाले लोगों का नाम लिए बिना कहा कि राष्ट्रपति ने उनसे कहा था कि आप अपना कार्य करते रहें।
टाट्रा ट्रक सौदे से जुड़े विवाद के संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अफसर का नाम बार बार उठ रहा था और उसके रिश्तेदारों को भारत में टाट्रा ट्रक को एसेम्बल करने वाली बीईएमएल कंपनी के परिसर में प्लाट दिए गए। उन्होंने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं कि प्रधानमंत्री कार्यालय में एक बहुत वरिष्ठ अफसर ने आयु से जुड़े पूरे मुद्दे को उलझाया। मैंने जब टाट्रा फाइलों को रोक दिया तभी से इस व्यक्ति का नाम बार बार उठता रहा।
1 टिप्पणी:
जनरल व्ही.के.सिंह जैसे चोखे जांबाज से टकराने वाले खुद चकनाचूर होते जा रहे हैं। देश की जनता सच्चाई को समझ रही है।
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