भाजपा और इसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए शिवसेना ने कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए अयोध्या में राम मंदिर और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों की उपेक्षा की जा रही है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में मोदी पर परोक्ष हमला करते हुए लिखा गया है कि मोदी की रैलियों में बुरका पहनी महिलाओं को लाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए हर कोई जल्दबाजी में है । कांग्रेस का विरोध करने के बजाए हर कोई अल्पसंख्यकों को खुश करने में लगा हुआ है।
भाजपा की राजनीति को निशाना बनाते हुए अखबार ने लिखा है, सत्ता हासिल करने के लिए लोग राम मंदिर को भूल गए। विधानसभा और आम चुनावों से पहले भाजपा द्वारा मुसलमानों तक पहुंच बनाने के प्रयास के बीच शिवसेना की यह टिप्पणी सामने आई है । वर्ष 2002 के दंगों को लेकर मोदी की आलोचना होती रही है।
संपादकीय में यह भी दावा किया गया कि दीर्घावधि में देश हित में अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण खतरनाक है। शिवसेना ने कहा कि पहले हमने देखा कि सत्ता पाने के लिए राम मंदिर मुद्दे को दरकिनार कर दिया गया, समान नागरिक संहिता को दरकिनार किया गया ।
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