केंद्रीय कानून एवं संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने गुरुवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरदार पटेल की विशालकाय प्रतिमा बनाने की योजना पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि केवल बुत बनाने से कुछ नहीं होता, बल्कि लोगों के दिलों को जोड़ने की बात करनी चाहिए।
सिब्बल ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित ग्लोबल एजुकेशन इंड्रस्टी कांग्रेस का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि देश में आज कल बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं। कुछ लोग सरकार की दिन रात आलोचना करते रहते हैं, पर उनके पास अपना विजन (दृष्टि) क्या है।
उन्होंने पूछा कि क्या उनके पास लोगों के स्वास्थ्य के लिए कोई नीति है। क्या उनके पास शिक्षा की कोई नीति है। आखिर उनके पास देश के भविष्य के लिए क्या योजनाएं हैं। आलोचना करना तो बहुत आसान है। इस देश में सब कुछ नकारात्मक विमर्श चल रहा है। इससे पहले सिबब्ल ने देश में बंद हो रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि देश में जब तक शिक्षा व्यवस्था स्वायत्त एवं मुक्त नहीं होगी, तब तक शिक्षा की गुणवत्ता नहीं सुधर सकती है। सिब्बल ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल भविष्य की बात नहीं करता, सभी अतीत की बात करते हैं। वर्ष 2025 में क्या हो, उसकी बात कोई नहीं करता। इस देश में अजीब तरह का विमर्श चल रहा है जिसमें लोग सरकार की केवल आलोचना करते हैं पर कोई अपनी नीति नहीं बताता। पिछले इस साल में किसी पार्टी ने यह नहीं बताया की उसकी शिक्षा नीति क्या है।
उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी शैक्षिक संस्थान में हस्तक्षेप नहीं होने पर हमारे यहां विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्तियां भी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की पसंद से होती है। जब तक राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं बंद होगा और लोगों के निजी स्वार्थ जब तक हावी रहेंगे, इस देश में शिक्षा में सुधार नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमारी राजनीति और लोगों की मानसिकता को भी बदलना होगा। इसके अलावा विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक ढांचे को भी बदलना होगा।
सिब्बल ने कहा कि शिक्षा में सुधार लाने के लिए हमें अगले दस पंद्रह वर्षों में बच्चों के हाथ में सस्ते टैबलेट देने होंगे और सभी छात्रों को दुनिया का सारा ज्ञान इंटरनेट पर उपलब्ध कराना होगा तथा क्लाउड कम्यूटटिंग के जरिए शिक्षा सामग्री मुहैया करानी होंगी एवं नेट पर वर्चुअल लैब बनाना होगा। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने तथा क्रेडित प्रणाली लागू करने से ही शिक्षा में पूरे देश में एक रूपता आएगी और कोई छात्र कहीं भी अपनी पढ़ाई कर सकेगा।
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