टाटा ग्रुप ने बैंक खोलने की योजना रद्द कर दी है। उसने इसके लाइसेंस के लिए दिया गया आवेदन वापस ले लिया है। माना जा रहा है कि ग्रुप ने आरबीआई की शर्तों को कड़ा मानते हुए यह कदम उठाया क्योंकि उनका पालन करने से उसके दूसरे बिजनस पर असर पड़ता। यही नहीं, ग्रुप की 1000 से अधिक इकाइयों को इन शर्तों का पालन करना होता।
इससे पहले महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ग्रुप की फाइनेंस इकाई ने बैंकिंग लाइसेंस लेने की योजना रद्द कर दी थी। उसने तो लाइसेंस के लिए आवेदन की समय-सीमा खत्म होने से पहले ही कदम खींच लिए थे। देश के बड़े कॉरपोरेट हाउसेज में से अब आदित्य बिड़ला ग्रुप ही बैंकिंग लाइसेंस की होड़ में बचा हुआ है। टाटा संस के कदम खींचने से मुकाबले में अब 24 दावेदार रह गए हैं। आरबीआई की शर्तों को देखते हुए इनमें से भी कुछ उत्साह नहीं दिखा रहे हैं। विडियोकॉन ग्रुप की वैल्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड दूसरी कंपनी है, जिसने आवेदन वापस लिया था। आरबीआई ने संकेत दिया है कि चुने गए आवेदको की लिस्ट वह जनवरी तक घोषित करेगा।
टाटा संस ने एक रिलीज में कहा कि वह इस नतीजे पर पहुंचा है कि ग्रुप का मौजूदा फाइनैंशल सर्विसेज ऑपरेटिंग मॉडल टाटा ग्रुप की घरेलू और विदेशी कारोबारी रणनीति को पूरी तरह सपोर्ट करता है और उसकी कंपनियों को कामकाज में पर्याप्त सहूलियत देता है और इसमें ग्रुप के निवेशकों के हितों की भी रक्षा होती है।
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