आखिरकार रेप केस में फंसे तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल का हर दांव फेल कर ही गया। गोवा के डिस्ट्रिक्ट ऐंड सेशन कोर्ट ने तेजपाल की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी है। जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
तरुण तेजपाल की तमाम दलीलों को जज अनुजा प्रभुदेसाई की अदालत ने खारिज कर दिया। गौरतलब है कि तेजपाल ने कहा था कि वह हर शर्त मानने के लिए तैयार हैं इसलिए उन्हें जेल भेजने की जरूरत नहीं है। वहीं, सरकारी पक्ष की दलील थी कि तेजपाल गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं इसलिए उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वह पीड़ित के ऊपर दबाव बना सकते हैं।
बचाव पक्ष के वकील ने दलील देते हुए तेजपाल की गिरफ्तारी को गैरजरूरी बताया था। उन्होंने कहा कि इस मामले में तेजपाल की गिरफ्तारी आखिरी विकल्प ही होना चाहिए। वकील ने कहा कि तेजपाल इस मामले में पुलिस का पूरा सहयोग कर रहे हैं। वह जांच में मदद के लिए गोवा आने को भी तैयार हैं। तेजपाल अपना मोबाइल नंबर दे देंगे और मुंबई (पीड़ित वहीं रहती हैं) नहीं जाएंगे। हालांकि, कोर्ट ने तेजपाल की तमाम दलीलें खारिज कर दीं।
प्रॉसिक्यूशन के वकील ने तेजपाल पर लगे आरोपों को गंभीर अपराध बताते हुए तेजपाल को 14 दिन की कस्टडी में देने की मांग की थी। वकील ने कहा कि तेजपाल लगातार अपना बयान बदल रहे हैं, जबकि पीड़ित अपने बयान पर कायम है। उसका पहला और आखिरी बयान एक जैसा है। यही नहीं लिफ्ट के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज से भी उसके बयान की पुष्टि होती है।
गौरतलब है तरुण तेजपाल पर गोवा में साथी पत्रकार के यौन उत्पीड़न का आरोप है। गोवा में उन पर रेप का केस दर्ज किया गया है। गैर जमानती वॉरंट जारी होने के बाद गोवा पुलिस ने दिल्ली में उनके घर पर छापा मारा था। घर पर न मिलने के बाद रिश्तेदारों के घर पर भी छापे मारे गए थे। पुलिस के दवाब और गोवा कोर्ट से गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत के बाद तेजपाल पहली बार सामने आए थे।
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