अमेरिका ने भारत के साथ सैन्य संबंध मजबूत करने की दिशा में कदम आगे की ओर बढ़ा दिया है। यह बात कहते हुए अमेरिकी-पैसिफिक कमांडर (पैकॉम) ने बताया कि इसके लिए रक्षा विभाग को ओबामा प्रशासन से एक साल पहले ही निर्देश मिल चुके हैं।
विदेशी पत्रकारों से बातचीत में पैकॉम कमांडर सैम्युअल लॉक्लियर ने कहा कि पिछले दिनों व्हाइट हाउस में बराक ओबामा और मनमोहन सिंह की मीटिंग के बाद रक्षा सहयोग के विषय में की गई संयुक्त घोषणा एक महत्वपूर्ण बदलाव है। लॉक्लियर ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि मेरे खयाल से यह एक अहम संयुक्त बयान है और यह दिखाता है कि इस दिशा में भारत-अमेरिका एक साथ आगे बढ़ना चाहते हैं।
विदेशी पत्रकारों से बातचीत में पैकॉम कमांडर सैम्युअल लॉक्लियर ने कहा कि पिछले दिनों व्हाइट हाउस में बराक ओबामा और मनमोहन सिंह की मीटिंग के बाद रक्षा सहयोग के विषय में की गई संयुक्त घोषणा एक महत्वपूर्ण बदलाव है। लॉक्लियर ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि मेरे खयाल से यह एक अहम संयुक्त बयान है और यह दिखाता है कि इस दिशा में भारत-अमेरिका एक साथ आगे बढ़ना चाहते हैं।
पिछले साल अमेरिकी रक्षा विभाग को ओबामा प्रशासन से निर्देश मिले थे कि किस तरह से भारत के साथ इस क्षेत्र में कार्य की शुरुआत की जाए और किस तरह से दीर्घकालीन रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया जाए। आगे बातचीत में लॉक्लियर ने बताया कि यह कदम पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए, अमेरिकी हित के लिए और भारत के हित में भी अच्छा है। दस से अधिक सालों से मालाबार में चल रहे दोनों देशों के सैन्य अभ्यास की बात करते हुए उन्होंने बोला कि संयुक्त नेवी के रूप में काम करना दोनों देशों के लिए एक अच्छा अवसर है। हिंद महासागर को जानने, भारतीय रास्तों को समझने, भारतीय नेवी की कार्यप्रणाली को समझने के लिए अमेरिकी सेना के पास यह अच्छा अवसर है। इस तरह से आकस्मिक घटनाओं के वक्त दोनों देश एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं।
लॉक्लियर ने पत्रकारों से कहा कि हम इस तरह के काम अपनी शाखाओं पर भी करते हैं और मुझे लगता है कि वो कामयाब भी रहे हैं। भारत और अमेरिकी दोनों ही सेनाएं साथ काम करने की दिशा में आगे देख रही हैं। पैकॉम कमांडर आगे कहते हैं कि एक साथ काम करते हुए शायद हम किसी सैन्य हथियार का निर्माण भी करें। इस तरह से भविष्य में दोनों देश एक साथ मिलकर सैन्य सहयोग को लेकर काफी आशांवित हैं।
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