मोदी के सत्ता में आने पर अमेरिका साथ काम करने को तैयार. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 8 नवंबर 2013

मोदी के सत्ता में आने पर अमेरिका साथ काम करने को तैयार.

ओबामा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि अमेरिका भारत में अगले आम चुनावों में भाजपा के सत्ता में आने पर प्रधानमंत्री पद के उसके उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के साथ काम करने के लिए तैयार होगा।अधिकारियों ने साथ ही कहा कि चुनाव के नतीजों से अलग दोनों देशों के मजबूत द्विपक्षीय संबंध जारी रहेंगे। प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार के नेतृत्व में भारत की सरकार के साथ काम करने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता के साथ काम करेंगे, इसमें कोई शक नहीं है।

वीजा मामले को कोई मुद्दा न बताते हुए अधिकारी ने कहा कि यह मुख्यत: भारतीय मीडिया की देन है और अमेरिकी सरकार के लिए यह कोई मुद्दा नहीं है। पहचान गुप्त रखने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि वीजा मामला मीडिया की देन है। उन्हें (मोदी को) आवेदन करना है और हमें समीक्षा करनी है। उन्होंने वीजा के लिए आवेदन नहीं किया है। अधिकारी से पूछा गया कि आप कहते हैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ अमेरिका के मजबूत संबंध हैं। अगर मोदी अगले साल प्रधानमंत्री बनते हैं तो क्या अमेरिका के लिए दिक्कत नहीं होगी, इसके जवाब में अधिकारी ने कहा कि मुझे लगता है कि पिछली सरकार के साथ भी अमेरिका के बहुत मजबूत संबंध थे जो भाजपा के नेतृत्व में बनी थी।

अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि मुझे लगता है कि अमेरिका और भारत के बीच बहुत मजबूत संबंध हैं, अमेरिका में द्विदलीय व्यवस्था है, चाहे कोई भी सत्ता में हो, ऐसा ही रहता है। हमें लगता है कि भारत की बहुदलीय व्यवस्था में सभी राजनीतिक दलों का समर्थन होता है और इस व्यवस्था में हम इन संबंधों के जारी रहने की उम्मीद कर सकते हैं। एक अन्य अमेरिकी अधिकारी के अनुसार उनके देश की सरकार में मोदी को लेकर बहुत अधिक चिंताएं नहीं हैं, लेकिन ऐसा समझा जाता है कि प्रशासन ने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है, क्योंकि इसे भारत की अंदरूनी राजनीति में हस्तक्षेप के तौर पर देखा जा सकता है। सूत्रों के अनुसार यथास्थिति में किसी तरह का बदलाव होने पर राजनीतिक दल चुनाव से पहले इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका अगले साल आम चुनावों के बाद भारत का प्रधानमंत्री बनने वाले किसी भी नेता के साथ काम को तैयार है।

दोनों देशों के मजबूत द्विपक्षीय संबंध जारी रहेंगे : अमेरिका

कोई टिप्पणी नहीं: