पटना। लोक आस्था के महान पर्व 9 नवम्बर को महाछठ मनाने के बाद कार्यकर्ता गांवघर में सक्रिय हो जाएंगे। भूमि सुधार आयोग की अनुशंसा के आलोक में बटाईदारों की पहचान का मुद्दा उछालेंगे। केवल मुद्दा ही नहीं उछालेंगे बल्कि प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी को बटाईदार महिला किसानों के द्वारा आवेदन दिया जाएगा। कम से कम 75 बटाईदार महिला किसानों का आवेदन तैयार करके आवेदन देंगे। इस आवेदन में फसल बीमा के तहत फसल नुकसान होने का मुआवजा की मांग करेंगे। सरकार ने घोषणा कर रखी है कि बटाईदारों को भी फसल नुकसान होने की भरपाई करेगी।
इसके अलावे 10 नवम्बर,2013 को सरकार से जानकारी मांगी जाएगी कि हुजूर के द्वारा किसे किसान माना जाता है? फिलवक्त 10 प्रखंडों के कृषि पदाधिकारी से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी जाएंगी। 15 नवम्बर को आजीविका अधिकार केन्द्र के संचालन कमिटी के सदस्य सरकारी पदाधिकारियों से मिलकर संवाद करेंगे ताकि गांवघर में स्थापित आजीविका अधिकार केन्द्र को सशक्त किया जा सके। इस केन्द्र के संचालन कमिटी के सदस्यों को सहयोग करने का आग्रह करेंगे। यह प्रयास गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति किया जा रहा है। इसको कामयाब बनाने के लिए गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के सचिव प्रदीप प्रियदर्शी, संजय प्रसाद, जिशान अली, मंजू डुंगडुंग आदि लगे हुए हैं।
आलोक कुमार
बिहार
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