कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ में एक रैली के दौरान अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर नक्सली हमले को याद किया और कहा कि राज्य की भाजपा सरकार ने उस बड़ी घटना पर सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाए। सोनिया गांधी ने करीब 20,000 लोगों की जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 25 मई की घटना में राज्य के कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का सफाया हो गया। रमन सिंह सरकार पर प्रहार करते हुए सोनिया ने कहा कि ये कैसी सरकार है जहां कानून व्यवस्था लाचार है। इसी सरकार के कारण कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं को खो दिया।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस बलिदान देने और विकास करने वाली पार्टी है। हमारे नेतृत्व ने सदा अपने जीवन का बलिदान किया। हमें उनकी कमी खल रही है।" सोनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने हमले को रोकने में अपनी नाकामी को स्वीकार किया था। उन्होंने राज्य की भाजपा सरकार पर पिछले 10 वर्षो के दौरान राज्य का विकास करने में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में गरीबी बढ़ी है और महिलाएं असुरक्षित हैं।
केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा कानून, भूमि अधिग्रहण कानून और राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसे कदमों का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा कि कांग्रेस समन्वित विकास में भरोसा करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल वादा करती है जबकि कांग्रेस काम करती है। सोनिया ने कहा कि यह खुश होने का नहीं, बल्कि सोचने का अवसर है। सोचिए, क्योंकि अभी सब कुछ जनता को ही तय करना है। सोनिया ने वादा किया कि यदि उनकी पार्टी वापस सत्ता में आई तो कई कल्याणकारी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने लोगों से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देने की अपील की।
वहीं, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने भी राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इन्होंने पिछले 10 वर्षो में क्या किया? देश का सबसे बड़ा नक्सली हमला यहां हो गया, तब भी ये हाथ पे हाथ धरे बैठे रहे। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने तो सहज ढंग से मान लिया कि सुरक्षा में चूक हुई है, लेकिन क्या सिर्फ मान लेने से हमारे शहीद नेता वापस आ जाएंगे?" वोरा ने कहा कि केंद्र ने 10 वर्षो में छत्तीसगढ़ को विभिन्न योजनाओं के लिए हजार करोड़ रुपये दिए, लेकिन भाजपा की सरकार ने उन पैसों का क्या किया, ये समझ से परे है।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चरण दास महंत ने कहा कि भाजपा सरकार भ्रष्ट लोगों की सरकार है। अब समय आ गया है कि ऐसी सरकार को उखाड़ कर फेंका जाए। जनसभा में कांग्रेस प्रभारी बी.के. हरिप्रसाद, केंद्रीय मंत्री भक्त चरण दास व प्रदीप मांझी के साथ अन्य स्थानीय वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
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