पटना। पूर्वी भारत में लोक आस्था के महान पर्व महाछठ के अवसर पर तैयारी जोरों पर है। इस महान पर्व की विशेष विशेषता यह है कि किसी के साथ किसी तरह से कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। इसी से प्रभावित होकर मगध कॉलोनी में रहने वाले क्लारेंस हेनरी नामक ईसाई वंदा ने माइक पकड़कर जीवंत कमेंट्ररी करते कुर्जी मोड़ के पास देखे जा सकते हैं। लगातार कई वर्षों से पूर्ण सहयोग देते आ रहे हैं। उसी तरह मुस्लिम महिलाओं के द्वारा चूल्हा निर्माण किया जाता है। वहीं समाज के किनारे रहने वाली डोम जाति की महिलाएं भी सूप बनाकर पर्वव्रतियों को देती हैं। दैनिक अखबार ‘आज’ के पत्रकार एहतेष्याम अहमद भी पीछे नहीं रहते हैं। अपनी लेखनी से घाटों का जायजा लेकर लगातार दैनिक में प्रकाशित किया करते हैं। इनके प्रयास से जिला प्रशासन का ध्यान घाटों की ओर जाता है।
मंगलवार को कलम-दवात की पूजा हैः
मंगलवार के दिन कायस्त समुदाय के लोगों के लिए विशेष दिन है। इस दिन कलम-दवात से दूर रहते हैं। अपने दैनिक जीवन में व्यवहार लाने वाले कलम-दवात की पूजा करते हैं। पूजा करने के बाद प्रसाद वितरण करते हैं। इस अवसर पर अपने परिजनों के साथ सामूहिक भोजन करते हैं। गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के मुख्य लेखापाल संजय कुमार सिन्हा ने सभी दोस्तों को पूजा में शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया है। इनका घर खगौल में है।
नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय महाछठ पर्व 7 नवम्बर से शुरूः
इस साल के चार दिवसीय महाछठ पर्व 6 नवम्बर को नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। इसके अगले दिन 7 नवम्बर को पर्ववति दिनभर उपवास करेंगी। शाम के समय खरना का प्रसाद ग्रहण करेंगी। इसके साथ उपवास शुरू हो जाएगा। इसी अवस्था में 8 नवम्बर को भगवान दिवाकर को शाम में प्रथम अर्ध्यदान देगीं और उसके दूसरे दिन 9 नवम्बर को उदयीमान भगवान भास्कर को अर्ध्यदान देते ही महाछठ का पर्व उत्साह से मनाना शुरू हो जाएगा। दिनभर प्रसाद का आदान-प्रदान होते रहेगा। इस अवसर पर बच्चे काफी उमंग में रहेंगे। इस उमंग में किसी तरह का विध्न न पड़े।
सरकार ने ठोस कदम उठाने का वादा किया है। सभी तरह की तैयारियों को अंतिम रूप देने में पटना प्रमंडल के आयुक्त और जिलाधिकारी भी लग गये हैं। एकदम निकट से अनुश्रवण कर रहे हैं। पिछले साल की तरह किसी तरह की घटना न हो। इसको लेकर सचेत हैं।
आलोक कुमार
बिहार
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