भाजपा ने राज्य सरकार से छठ घाटों की बेहतर व्यवस्था के लिए बजट में अलग से आवंटन करने तथा राज्य मेला प्राधिकार के समान छठ प्राधिकार बनाने की मांग की है।
राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी, विधायक अरूण कुमार सिन्हा और नितिन नवीन ने बुधवार को छठ घाटों का निरीक्षण करने के बाद कहा कि राज्य सरकार को घाटों की बेहतर व्यवस्था के लिए बजट में अलग से आवंटन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य मेला प्राधिकार की तर्ज पर छठ प्राधिकार का गठन किया जाना चाहिए जिससे प्रतिवर्ष घाटों पर छठ पूजा की और बेहतर व्यवस्था की जा सके।
इन नेताओं ने कहा कि पटना के कलेकटेरियट घाट पर मात्र एकपीपा पुल बनाया गया है जबकि वहां भी महेन्द्रु घाट की तरह दो पीपा पुल बनाये जाने चाहिए थे। छठ पूजा के दौरान घाट पर आने और जाने वाले लोगों का क्रम एक साथ चलता रहता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पटना के अदालतगंज घाट में हुए हादसे का एक कारण यह भी था जिससे भगदड़ के बाद लोग निकल नहीं पाये। भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार को प्रदेश के सभी घाट पर सफाई, मजबूत बैरिकेटिंग, पर्याप्त रौशनी, पेयजल, चिकित्सा व्यवस्था तथा भीड़ नियंत्रण के सभी उपाय युद्धस्तर पर करने चाहिए। साथ ही पिछले वर्ष अदालतगंज घाट हादसा को देखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
नेताओं ने कहा कि अदालतगंज घाट जहां पिछले वर्ष हादसा हुआथा उसे इस बार छठ पूजा के लिए बंद कर दिया गया है जबकि चैती छठ में इसी घाट पर हजारों की सख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा की। इस घाट के निकट पटना का एक मात्र सूर्य मंदिर है और यहां आसपास वर्षों से इसी स्थान पर हजारों की संख्या में छठ पूजा के लिए आते है। उन्होंने कहा कि पटना जिला प्रशासन को इस घाट को बंद करने के बजाये यहां पुल बनाकर पूजा की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
भाजपा नेताओं ने कहा कि पिछले सात सालों से प्रत्येक छठ पूजा से पहले स्थानीय विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ नगर विकास मंत्री के स्तर पर पूर्व से ही बैठक कर तैयारियां शुरू कर दी जाती थी। उन्होंने कहा कि इस बार नगर विकास मंत्री के प्रभार में रहने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ पूजा की तैयारी को लेकर स्थानीय विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ कोई समीक्षा बैठक नहीं की है।
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