पटना बम विस्फोट के एक संदिग्ध ऐनुल अंसारी उर्फ तारिक की मौत के तीन दिन बाद भी उसके परिवार से कोई भी शव पर दावा करने नहीं आया है। पुलिस ने शनिवार को कहा कि उसके परिवार ने शव को लेने से इंकार कर दिया है। पटना पुलिस अधीक्षक (रेलवे) उपेंद्र कुमार सिंह ने कहा, "उसके परिवार से अभी तक कोई भी शव का दावा करने नहीं आया है।"
पटना रेलवे स्टेशन पर 27 अक्टूबर को ऐनुल एक शौचालय में घायल अवस्था में पाया गया था। उसकी मौत इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में शुक्रवार को हुई। उसका शव पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शवगृह में रखा हुआ है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा कारणों से शवगृह के बाहर रेलवे पुलिस के अधिकारियों को तैनात किया गया है।
ऐनुल के 70 वर्षीय पिता अताउल्ला अंसारी रांची के धुर्वा में रहते हैं। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर घोषित कर दिया है कि वह शव को नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, "जब मैंने सुना कि वह आतंकवाद में शामिल था और गंभीर रूप से घायल है तभी मैंने घोषणा कर दी थी कि वह मेरा बेटा नहीं है। उसके शव पर दावा करने का सवाल ही कहां उठता है।" उनके अनुसार इस्लाम में आतंकवाद का कोई स्थान नहीं है।
अताउल्ला ने कहा, "ऐनुल ने इस्लाम के नियम का उल्लंघन किया है इसलिए वह मेरा बेटा नहीं है।" सिंह ने बताया कि रेलवे पुलिस 72 घंटे तक उसके शव को शवगृह में रखेगी। इस बीच यदि उसके किसी परिजन ने शव पर दावा नहीं किया तो उसके शव को इस्लामी रीति रिवाज के अनुसार दफना दिया जाएगा।
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