मंगलवार ‘मंगलयान’ के प्रक्षेपण के बाद अपने भविष्य के मिशनों के सफल होने का भी भरोसा जाहिर करते हुए इसरो ने कहा कि दिसम्बर महीने की शुरुआत से जीएसएलवी सहित कई प्रक्षेपणों की तैयारियां जोरों पर हैं.
इसरो के प्रमुख के. राधाकृष्णन ने कहा कि इसरो इस साल सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्च पैड पर दूसरे यान प्रक्षेपण भवन का निर्माण करेगा जिससे क्षमता में बढ़ोतरी करते हुए हर साल 10-12 प्रक्षेपण किए जा सकेंगे. प्रस्तावित तीसरे लॉन्च पैड के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हम शुरुआती विन्यास का अध्ययन कर रहे हैं. तीसरे लॉन्च पैड को जीएसएलवी मार्क-3 और भविष्य के अन्य प्रक्षेपण यानों की जरूरतों का ख्याल रखना होगा .’’
दिसंबर में जीसैट-14 को लेकर जाने वाले जीएसएलवी-डी5 के प्रक्षेपण के बाद इसरो संभवत: अगले साल फरवरी में भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली-1बी (आईआरएनएसए) को प्रक्षेपित करेगा . बीते 19 अगस्त को उड़ान से महज दो घंटे पहले जीएसएलवी-डी5 का प्रक्षेपण टाल दिया गया था. रॉकेट के दूसरे चरण में ईंधन के रिसाव का पता चल जाने के कारण प्रक्षेपण टाला गया था. राधाकृष्णन ने कहा कि अगले 18 महीने में आईआरएनएसएस के लिए पांच शेष उपग्रह प्रक्षेपित किए जाएंगे . उन्होंने कहा कि जीएसएलवी मार्क-2 2016-17 तक तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा, ‘इस बीच, तिरुवनंतपुरम में 200 टन का एक द्रव्य प्रणोदन प्रणाली केंद्र विकसित किया जा रहा है.’ नौ उपग्रह पहले से ही जीएसएलवी मार्क-2 के इंतजार में हैं.
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