भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) और ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन स्थित क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने शैक्षिक कार्यक्रमों एवं मीडिया और संचार में अनुसंधान के अग्रणी क्षेत्रों में सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, समझौते पर आईआईएमसी के अध्यक्ष एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव बिमल जुल्का तथा क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीटर कोलड्रेक ने हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत शैक्षिणिक कार्यक्रमों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। दोनों संस्थान छात्रों एवं संकाय (फैकल्टी) के लाभ के लिए संयुक्त उद्यम परियोजना और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के विकास के लिए सहमत हुए हैं।
द्विपक्षीय समझौते के अनुसार, संयुक्त शैक्षिक और वैज्ञानिक गतिविधियों पर जोर दिया गया है। इनमें पाठ्यक्रमों, सम्मेलनों, संगोष्ठियों या व्याख्यानों, स्टाफ, छात्रों, सामाग्रियों का आदान-प्रदान और आम हित में जारी हुए प्रकाशन शामिल हैं। समझौते के मुख्य क्षेत्र में भारतीय सूचना सेवा के वरिष्ठ एवं मध्यम स्तरीय अधिकारियों को क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सरकारी नीतियों के बारे में हितधारकों को जानकारी देने के लिए विशेष रूप से आधुनिक प्रौद्योगिकी और सामाजिक मीडिया के उपयोग का प्रशिक्षण शामिल है। इसका उद्धेश्य मीडिया के बदलते परि²श्य के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों का कौशल विकास करना है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं किसी विदेशी विश्वविद्यालय के साथ भागीदारी के लिए यह आईआईएमसी द्वारा हस्ताक्षरित पहला समझौता है। इस समझौते का उद्देश्य मास मीडिया और संचार के क्षेत्र में द्विपक्षीय मूल्यवान प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम की सुविधा प्रदान करना है। यह सहयोग समझौता हस्ताक्षर की तारीख से पांच साल तक वैध रहेगा। समझौते की अवधि पूरी होने के छह महीने पूर्व इसकी समीक्षा की जाएगी और आपसी सहमति से आगामी अवधि के लिए इसका नवीनीकरण किया जा सकता है।
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