देश के प्रथम मंगल यान को लेकर एक भारतीय प्रक्षेपण यान ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र स्थित प्रक्षेपण मंच से मंगल ग्रह के लिए प्रस्थान किया। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-सी25 (पीएसएलवी-सी25) को ठीक अपराह्न् 2.38 बजे प्रक्षेपित किया गया। प्रक्षेपण यान लगभग 44 मीटर ऊंचा और लगभग 320 टन वजनी है। प्रक्षेपण यान ने नारंगी रंग का धुआं छोड़ते हुए अपने गंतव्य की दिशा में प्रस्थान किया।
इस परियोजना की कुल लागत लगभग 450 करोड़ रुपये है। प्रक्षेपण यान की लागत 110 करोड़ रुपये और मंगल यान की लागत 150 करोड़ रुपये है। शेष रकम जमीनी सहायता व निगरानी प्रणाली को चुस्त करने पर खर्च हुई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने कहा कि हीट शील्ड नियत समय पर अलग हो गया और अभियान सही रास्ते पर है।
इसरो के अधिकारियों को उम्मीद है कि यह महत्वपूर्ण मिशन एक बड़ी सफलता होगी। उल्लेखनीय है कि भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत 1975 में एक रूसी प्रक्षेपण यान के जरिए आर्यभट्ट के प्रक्षेपण के साथ की थी और अबतक देश ने 100 से अधिक अंतरिक्ष मिशन पूरे कर लिए हैं।
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