- कमरे का ताला तोड़कर लूट मामले में रपट दर्ज होने के बावजूद नहीं हो रही गिरफ्तारी
- साढ़े 5 माह पहले हुई थी लूट, न्यायालय के आदेष पर दर्ज हुआ है रपट
पहले गुंडा एक्ट, जिलाबदर, कमरे का ताला तोड़वाकर लाखों की गृहस्थी लूट, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई चैपट और अब जान का खतरा हो गया है। यह रामकहानी वरिष्ठ पत्रकार सुरेश गांधी की है। आरोप है कि सब कुछ बाहुबलि विधायक विजय मिश्रा के साजिश में हो रहा। अनर्गल तरीके से दर्ज मुकदमों पर हाईकोर्ट की रोक के बावजूद गिरफ्तार कर सरेराह मारने-पीटने वाले कोतवाल को तो हटा दिया गया लेकिन सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है। लूट के आरोपी खुलेआम पुलिस की संरक्षण में घूम रहे है। पीडि़त पत्रकार ने सूबे के मुख्यमंत्री, प्रमुख गृह सचिव, राज्यपाल, पुलिस महानिदेशक व राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री समेत केन्द्रीय गृहमंत्री और उच्च न्यायालय इलाहाबाद में प्रार्थना पत्र देकर जान-माल के सुरक्षा की गुहार लगाई है।
जौनपुर जिले के रामपुर थानान्तर्गत गोपालापुर गांव निवासी सुरेश गांधी उर्फ सुरेश चन्द्र जायसवाल पुत्र विश्वनाथ प्रसाद जायसवाल पिछले सोलह सालों से मेहीलाल ब्लिडिंग अयोध्यापुरी कालोनी स्टेशन रोड भदोही में अपनी पत्नी रश्मि गांधी व दो बच्चों बेटी सेजल व बेटे साहिल के साथ रहते रहे। श्री गांधी 1996 से पत्रकारिता से जुडे है। वर्तमान में वह टीवी न्यूज चैनल व लखनउ-वाराणसी से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक समाचार पत्र के ब्यूरोचीफ है। श्री गांधी सामाजिक सरोकारों से जुडी खबरों के साथ-साथ गरीब, दलितों व पीडि़तों की आवाज को प्रमुखता से उठाने के अलावा प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों की खामियों को भी उजाकर करते रहे है। बाहुबलि विधायक वियज मिश्रा के बालू खनन, सड़कों के निर्माण में धाधली, सरकारी योजनाओं में लूटपाट, माफियाओं से सांठगांठ व भदोही में हुए दंगा व दलित महिला संतोषी बलात्कार कांड की खबरे प्रदेश ही नही राष्ट्रीय स्तर तक पहुॅची। खासक गत वर्ष मुहर्रम पर्व के दौरान भड़की उपद्रव की घटना में प्रशानिक व पुलिस अफसरों की खामी व सपा सरकार के गठन बाद बगैर किसी इजाजत विधायक का उन्ही के आवास धनापुर-भदोही आएं सूबे के कबीन मंत्री की मौजूदगी में शतचंडी यज्ञ में शामिल होना और पूर्वांचल के ईनामी अपराधियों व अतीक अहमद की मौजूदगी की खबर एक इलेक्ट्रानिक चैनल में झूमकर चली।
श्री गांधी के इन्ही खबरों से कुपित होकर बाहुबलि विधायक की साजिश में आकर भदोही के प्रशासनिक व पुलिस अफसरोंने न सिर्फ फर्जी तरीके से गुण्डा एक्ट लगाकर जिला बदर कर दी बल्कि कमरे का ताला तोड़वाकर 15 साल से तिनका-तिनका जुटाई गई लाखों की सम्पत्ति व विवाह में मिले सामानों व जेवरात आदि लूटवा दी। इतने से भी जब मन नहीं भरा तो फर्जी मुकदमों में हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के बाद भी गिरफ्तार कर सरेराह बेइज्जत किया गया। पुलिस दवाब में मकान मालिक की पहले से दर्ज मुकदमें में चार्जसीट लगा दी। श्री गांधी का कहना है कि मकान का ताला तोड़कर लूटपाट करने वाले विनोद गुप्ता व सुमित गुप्ता के खिलाफ तहरीर कोतवाली पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री, डीजीपी, आईजी, डीआईजी व एसपी को दी लेकिन रपट दर्ज नहीं की गयी। अब जब सुरेश गांधी व उनकी पत्नी की अलग-अलग प्रार्थना पत्र में जिला न्यायालय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 156(3) के तहत रपट दर्ज करने का आदेश दी। मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपी खुलेआम घुम रहे है। श्री गांधी ने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी दायर याचिका पर पुलिस व प्रशासनिक उत्पीडनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाकर डीएम, एसपी व कोतवाल समेत प्रमुख गृह सचिव को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। राष्ट्रीय मावनाधीकार आयोग के एसिस्टेन्ट रजिस्ट्रार(ला) ने पुलिस अधिक्षक संत रविदास नगर भदोही कोे पत्र भेजकर श्री गाॅधी पर हुए उत्पीड़न की कार्यवाही की रिपोर्ट माॅगी है।
श्री गांधी ने बताया कि साजिश के तहत कोतवाल भदोही संजयनाथ तिवारी ने बिना किसी अपराध के धारा 110 जाब्ता फौजदारी के अन्तर्गत उपजिलाधिकारी के रिपोर्ट दी, जब 23 मार्च 2013 को दोपहर मे वह अपना जवाब दाखिल किया कि पुलिस द्वारा दर्ज की की कार्यवाही के तीनोें मुकदमों मे पुलिस ने खुद फाइनल रिपोर्ट लगाई है या वह न्यायालय से दोषमुक्त है, तो कोतवाल ने मकान मालिक विनोद गुप्ता व सुमित गुप्ता निवासी काजीपुर रोड भदोही को साजिश मे लेकर रंगदारी मांगने की झूठी रपट दर्ज कर दी। गुडांएक्ट की कार्यवाही कर रिपोर्ट डीएम को दी और बगैर मौका दिए जिलाधिकारी ने 9 अपै्रल 2013 को जिला बदर कर दिया। इसी बीच उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 20 मई को जिलाबदर की कार्यवाही पर रोक लगा दी। इसके पूर्व पत्रकार पर जब गुण्डाएक्ट व जिलाबदर के चलते जनपद से बाहर था तो 7 मई 2013 को मकान मालिक ने कमरे का ताला तोड़कर विज्ञापन के 1.5 लाख नगद,जेवर, जरूरी कागजजात व तमाम साक्ष्य उठा ले गये। इसकी सूचना पत्रकार की पत्नी रश्मिी गाॅधी ने कोतवाली से लेकर एसपी तक को दी, लेकिन रपट नही लिखी गई। 30 मई 2013 को लूट की प्रार्थना पत्र तैयार कर पहली जून 2013 को सुबह सीजीएम न्यायालय मे 156 (3) जाब्ता फौजदारी के अन्तर्गत याचिका दायर की और सुबह 10 बजे कमरे पर आकर अपनी मौसी के बेटे के शादी मे शामिल होने के लिए राॅची चले गये। उसी दिन पुलिस की मौजूदगी मे मकान मालिक आदि कमरे का ताला तोड़कर सामान उठा ले गए।
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