तहलका मामले में भाजपा के प्रहारों का सामना कर रहे कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्य विपक्षी दल और आरएसएस बेवजह उन्हें बदनाम कर रहे हैं, जबकि पत्रिका के संपादक तरुण तेजपाल से उनका कोई संबंध नहीं है और ना ही उनकी कंपनी में उनका कोई शेयर है।
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के इस टवीट पर कि एक केन्द्रीय मंत्री जो कि तहलका के संस्थापक और पैट्रन हैं, तेजपाल का बचाव कर रहे हैं, सिब्बल ने चुनौती देते हुए कहा कि जो नेता मेरे बारे में सतही बातें कर रहे हैं, उनमें अगर हिम्मत है तो वे मेरा नाम लेकर बताएं।
सुषमा स्वराज ने अपने टवीट में किसी का नाम ना लेकर केवल केन्द्रीय मंत्री कहा है। सिब्बल ने सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहे उन संदेशों का भी जवाब दिया जिनमें दावा किया जा रहा है कि तेजपाल उनकी बहन का बेटा है और तहलका में कानून मंत्री के 80 प्रतिशत शेयर हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की बेबुनियाद बातों पर मुझे खेद है, मुझे आरएसएस और भाजपा से उम्मीद नहीं थी कि वे इस स्तर पर आ जाएंगे। वे मुझ पर राजनीतिक प्रहार कर सकते हैं, लेकिन वे मेरे परिवार को इसमें ना घसीटें। कानून मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि मेरी सिर्फ एक बहन है, आशा नंदा, जो यहां महारानी बाग में रहती हैं। मेरी और कोई बहन नहीं है।
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