पाकिस्तानी तालिबान ने अमेरिकी ड्रोन हमले में पूर्व प्रमुख हकीमुल्लाह महसूद के मारे जाने के छह दिन बाद गुरुवार को मुल्ला फजलुल्लाह को अपना नया प्रमुख नियुक्त किया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, तालिबान के प्रवक्ता शहीदुल्लाह शहीद ने फोन पर मीडिया को बताया कि तालिबान के वरिष्ठ कमांडरों ने उत्तरी वजीरिस्तान के गुप्त ठिकाने पर हुई बैठक में फजलुल्लाह को नया प्रमुख नियुक्त किया है। फजलुल्लाह 2008-2009 के दौरान स्वात घाटी में सुरक्षा बलों के खिलाफ खुनी संघर्ष का नेतृत्वकर्ता रह चुका है, तथा बाद में वह अफगानिस्तान भाग गया और वहीं अपने लड़ाकों को फिर से संगठित किया।
पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि मुल्ला रेडियो के नाम से कुख्यात फजलुल्लाह अफगानिस्तान के नूरिस्तान प्रांत से ही तालिबान गतिविधियों को संचालित कर रहा है, और सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर कई हमले कर चुका है। विश्लेषकों के अनुसार, फजलुल्लाह की नियुक्ति से तालिबान और पाकिस्तानी सरकार के बीच प्रस्तावित शांति प्रक्रिया पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, क्योंकि फजलुल्लाह पाकिस्तानी तालिबान के कट्टरपंथी नेता के रूप में जाना जाता है।
कबायली मामलों के विशेषज्ञ महमूद शाह का कहना है कि सुरक्षा बलों ने 2009 में फजलुल्लाह को एक बड़े अभियान में मात दे दी थी, तथा उसके साथ शांति बातचीत नहीं हो सकती। पाकिस्तानी सरकार ने भी कई बार अफगानिस्तान से फजलुल्लाह को सौंपने की मांग कर चुका है। हालांकि अफगानिस्तान सरकार ने कभी भी आधिकारिक तौर पर फजलुल्लाह के अफगानिस्तान में होने की पुष्टि नहीं की है।
पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा है कि अमेरिकी ड्रोन हमले में हकीमुल्लाह का मारा जाना वाशिंगटन के लिए गंभीर परिणाम वाला साबित हो सकता है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हालांकि कहा कि सरकार देश में खून-खराबे को बंद करने के लिए तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
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