पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने कैबिनेट मंत्रियों से कहा है कि उनकी सरकार तालिबान प्रमुख हकीमुल्ला महसूद की अमेरिकी ड्रोन हमले में हुई मौत के बावजूद इस आतंकवादी संगठन के साथ बातचीत की कोशिश करेगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ द्वारा मंगलवार को जारी रपट के मुताबिक, कैबिनेट की यह बैठक में महसूद की मौत के बाद के हालात की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई थी, क्योंकि सरकार ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसने तालिबान के साथ प्रस्तावित बातचीत को नुकसान पहुंचाया है।
आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा कि देश के शीर्ष तीन धार्मिक नेताओं को वजीरिस्तान के कबायली इलाके में जाकर तालिबान के साथ बातचीत के एजेंडे और स्थान पर विस्तृत चर्चा करने के लिए प्रारंभिक वार्ता करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन अमेरिकी हमले की वजह से यह पूरा कार्यक्रम स्थगित हो गया। तालिबान प्रवक्ता शाहिदुल्ला शाहिद ने कहा था कि इनका संगठन सरकार से बातचीत नहीं करेगा और महसूद की मौत का बदला लिया जाएगा।
नवाज ने अमेरिकी ड्रोन हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस हमले ने बातचीत और शांति स्थापना के सरकार के प्रयास को भारी क्षति पहुंचाई है, लेकिन उन्हें इस प्रक्रिया के पटरी से न उतरने का भी भरोसा है। प्रधानमंत्री ने कहा, "अगर वे आतंकवाद को समाप्त करने में सहयोग नहीं बढ़ा सकते, तो कम से कम शांति प्रक्रिया को क्षति नहीं पहुंचाई जानी चाहिए।" नवाज ने कहा कि पाकिस्तान को देश के हित में अपना फैसला लेने का हर अधिकार है।
उन्होंने कहा कि अफसोसजनक और निंदनीय ड्रोन हमले संकेत देते हैं कि पाकिस्तान के स्थायी शांति स्थापना और आतंकवाद की समाप्ति के विचार को समझा नहीं गया है।
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