बिहार की राजधानी में पिछले हफ्ते हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के एक संदिग्ध आरोपी अनीउल उर्फ तारिक के शव को पुलिस ने सोमवार को दफना दिया। सिर में चोट लगने से अनीउल की यहां के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। पटना के पुलिस अधीक्षक (रेलवे) उपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अनीउल के शव को लावारिस मानकर दफना दिया गया, क्योंकि उसके परिवार ने शव लेने और उसकी आखिरी रस्म पूरी करने से इनकार कर दिया।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, "पुलिस ने सोमवार की शाम अनीउल के शव को पटना के पीरमुहानी कब्रगाह में इस्लामी रीति के मुताबिक दफना दिया।" 27 अक्टूबर को पटना के गांधी मैदान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की रैली से कुछ घंटों पहले सात सिलसिलेवार विस्फोट किए गए जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और लगभग 100 लोग घायल हो गए। सात में से छह विस्फोट रैली स्थल या उसके आस-पास किए गए थे।
एक विस्फोट रेलवे स्टेशन पर किया गया था। कथित रूप से अनीउल जब इस बम में टाइमर सेट कर रहा था, उसी समय विस्फोट हो गया, जिससे वह घायल हो गया। उसे इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था जहां गत शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा निवासी अनीउल के 70 वर्षीय पिता अताउल्लाह अंसारी ने ऐलान किया कि वह बेटे के शव को अपने कब्जे में नहीं लेगा।
अंसारी ने कहा, "यह सुनने के बाद कि वह दहशतगर्दी में शामिल था और बुरी तरह जख्मी है, मैंने ऐलान किया कि वह मेरा बेटा नहीं है..ऐसे में उसकी लाश पर दावा करने का सवाल ही नहीं उठता।" बुजुर्ग ने कहा कि इस्लाम में ऐसी करतूतों की कोई जगह नहीं है।
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