बाबा रामदेव ने साधुओं पर उठ रहे सवालों पर विराम लगाने के उद्देश्य से शुक्रवार को कहा कि उनके लिए भी एक आचार संहिता होनी चाहिए। बाबा रामदेव पिंक सिटी प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। जब उनसे आसाराम के संदर्भ में पूछा गया कि समाज किन साधुओं पर विश्वास करे तो उन्होंने कहा कि साधु पाप करते हैं तो उन्हें सामान्य लोगों को दिए जाने वाले दंड से अधिक दंड दिया जाना चाहिए। मौजूदा दौर में तो पति-पत्नी के बीच विश्वास टूटा हुआ है।
उन्होंने कहा कि धर्म सत्ता और राज सत्ता में काफी पतन हुआ है इसमें सुधार की जरूरत है। रामदेव ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि मैं सीधे तौर पर राजनीति में प्रवेश नहीं करूंगा। मेरे सामने दो जिम्मेदारियां है। इनमें एक ऋषि संस्कृति के कर्तव्यों को निभाना और दूसरी देश के समक्ष नेतृत्व संकट का समाधान करना है। मैं राष्ट्रधर्म के कर्तव्य को निभाऊंगा।
बाबा रामदेव ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को बिना भगवे वाला फकीर बताते हुए कहा कि मोदी लुटेरा नहीं हो सकता, भ्रष्टाचारी नहीं हो सकता, देश नहीं तोड़ सकता इसलिए हमने उस पर भरोसा किया है। उन्होंने कहा कि पर्वितन संवैधानिक प्रक्रिया से ही आएगा इसलिए हमने मोदी को व्यक्तित्व के रूप में चुना है पार्टी के रूप में नहीं। रामदेव ने कहा कि अपने जीवन को प्रमाणिकता के साथ जीने से ही देश को संकट से उबारा जा सकता है।
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