केन्द्र ने गुरुवार को कहा कि वह दिल्ली में सरकार बनाने की संभावना तलाशने के लिये आम आदमी पार्टी को कुछ और दिन देगा. गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने संवाददताओं से कहा कि केन्द्र सरकार ने उप राज्यपाल से पूछा है कि दिल्ली में सरकार बनाने के लिये आप ने और कितना समय मांगा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम दिल्ली में सरकार बनाने के लिये कुछ और दिन देंगे (आप को). यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है.
शिन्दे के बयान से संकेत मिलता है कि केन्द्र सरकार दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करने की जल्दबाजी में नहीं है और कम से कम सोमवार तक इंतजार के लिये तैयार है जब 28 विधायकों वाली आप अपने इस फैसले को सार्वजनिक करेगी कि वह लोगों की राय जानने के बाद सरकार बनाएगी या नहीं. उल्लेखनीय है कि सरकार बनाने को लेकर दिल्ली में राजनीति अनिश्चितता जारी है. आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार बनाने के संबंध में अपने फैसले का ऐलान सोमवार को कर सकती है.
आप ने सरकार बनाने के संबंध में फैसला लेने के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग से समय मांगा है. कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी को बाहर से बिना शर्त समर्थन देने की पेशकश की है. कांग्रेस के पास आठ सीटें हैं और दोनो पार्टियों की सीटें मिलाकर दिल्ली में सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत अर्थात 36 का आंकड़ा मिल जाएगा. आप ने सरकार बनाने के लिए समर्थन लेने के बारे में फैसला करने से पहले कांग्रेस और भाजपा के सामने 18 शर्तें रखी थीं. कांग्रेस ने यह कहते हुए गेंद आप के पाले में डाल दी कि 18 में से 16 मांगें तो मात्र प्रशासनिक फैसले हैं और इसका संसद या विधानसभा से कोई लेना देना नहीं है. हालांकि आप ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वह 25 लाख पत्र वितरित कर सरकार के गठन के बारे में जनता की राय मांगेगी और इसके बाद इस संबंध में कोई फैसला लिया जाएगा. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 31 और उसके सहयोगी अकाली दल की एक सीट है, जो बहुमत से चार कम है. आप के पास 28 सीटें हैं.
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