आडवाणी पार्टी से खुद को दूर न करें : मोहन भागवत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

आडवाणी पार्टी से खुद को दूर न करें : मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी को सलाह दी है कि वो पार्टी से खुद को दूर न करें, वर्ना पार्टी बर्बाद हो सकती है। भागवत ने ये बात आडवाणी को एक कहानी के जरिए समझाई। वे नई दिल्ली में लालकृष्ण आडवाणी की किताब दृष्टिकोण के विमोचन के मौके पर समारोह को संबोधित कर रहे थे। 

गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के पीएम कैंडिडेट बनने पर लालकृष्ण आडवाणी नाराज हैं और वे कई बार इसे खुलकर जाहिर भी कर चुके हैं। बीते दिन जब आडवाणी के ब्लॉग का संकलन दृष्टिकोण के नाम से जारी हुआ तो विमोचन समारोह में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंचे।

भागवत ने इस अवसर पर एक कहानी सुनाई जिसके मुताबिक एक गांव में एक महिला गलती से हवन कुंड में थूक देती है लेकिन हवन कुंड की पवित्रता उसके थूक को सोने में तब्दील कर देती है। महिला का पति उस महिला को ये बात किसी को न बताने की नसीहत देता है लेकिन महिला ये बात सहेलियों को बता देती है और पूरे गांव में ये बात फैल जाती है। धीरे-धीरे उस गांव में सारे लोग अमीर होते जाते हैं लेकिन महिला और उसक पति गरीब ही रहते हैं। उन्हें ताने मिलते हैं जिससे परेशान होकर दोनों गांव छोड़ देते हैं लेकिन जैसे ही वे गांव से बाहर निकलते हैं, गांव में आग लग जाती है। तब महिला का पति उससे कहता है कि पूरे गांव के हर परिवार में पाप होता था (हवनकुंड में थूकने का) और सबको सोना मिलता था लेकिन हमारी वजह से गांव बचा हुआ था क्योंकि हम ये नहीं करते थे। हमारे बाहर निकलते ही गांव बर्बाद हो गया।

भागवत ने इसके बाद आडवाणी की ओर मुखातिब होकर कहा कि आडवाणी जी राजनीति में हैं। कैसे रहना...वहां रहना और उन्हीं लोगों में रहना ताकि गांव को आग न लगे। भागवत ने अंत में ये भी कहा कि जो भी आपको जीवन में मिलेगा, उसका हमेशा खुशी भरा मतलब खोजना चाहिए। इस बारे में बीजेपी नेता कीर्ति आजाद ने कहा कि आडवाणी जी इस परिवार के मुखिया हैं इस समय। मोहन भागवत जी ने जो बात रखी है वो सही है। घरों से निकलकर बच्चे बाहर निकलते हैं लेकिन मुखिया को अपना रोल निभाना चाहिए। जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि आडवाणी जी की हालत अजीब सी हो गई है। एक तरफ प्यार भी और दूसरी तरफ दुत्कार भी। पार्टी उनकी बात को कितना वजन देती है ये तो मोदी के सिलसिले में साबित हो गया है। इस दफा आरएसएस खुलकर राजनीति में उतरा है। आरएसएस को लगता है कि मोदी के रूप में उनको ऐसा व्यक्ति मिला है कि वो आरएसएस की विचारधारा को जमीन पर उतारेगा।

एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि इससे एक बार फिर सिद्ध हो गया कि आरएसएस बीजेपी पर हावी है। अगर वो आडवाणी जैसे बड़े नेता को ऐसे बोलते हैं तो आडवाणी और बीजेपी के लिए शर्म की बात है। ये आडवाणी जी को एक तरह से वार्निंग है। लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता है।

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