सीमा समझौते को दरकिनार करते हुए ड्रैगन का दुस्साहस फिर बढ़ गया है. चीन के करीब 20 सैनिक बीते सप्ताह वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय क्षेत्र में घुस आए है. यही नहीं उन्होंने लद्दाख के चेपजी क्षेत्र में टेंट भी खड़े कर लिए. सूत्रों के अनुसार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 20 से 22 सैनिक बीते सप्ताह न सिर्फ भारतीय सीमा में घुस आए बल्कि लद्दाख क्षेत्र स्थित पश्चिमी चेपजी में 8 से 10 टेंट भी खड़े कर लिए. हालांकि सैन्य मुख्यालय ने जोर देते हुए क्षेत्र में ऐसे किसी भी घटना से इंकार किया है. जबकि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि चीन के सैनिक अब भी भारतीय क्षेत्र में बने हुए हैं या वापस चले गए हैं.
गौरतलब है कि शनिवार को भारतीय सेना ने चीनी सेना के साथ एक फ्लैग मीटिंग की थी. चेपजी चुमार क्षेत्र के नजदीक है जहां बीते एक साल के दौरान चीन की ओर से बड़ी संख्या में घुसपैठ की घटनाएं हुई हैं. इसी साल अप्रैल में चीनी सैनिक भारत के दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में 19 किलोमीटर अंदर तक घुस आए थे, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच लंबी बातचीत और एक श्रृंखलाबद्ध फ्लैग मीटिंग थी. तब जाकर चीनी सेना वहां से हटी थी. ताजा घटना से पहले भी चीनी सैनिक हाल ही चुमार क्षेत्र में घुस आए थे, जहां से वे पांच भारतीय नागरिकों को पकड़कर वास्तविक नियंत्रण रेखा से अपनी ओर ले गए थे. माना जाता है कि ऐसा उन्होंने इस क्षेत्र पर अपना दावा करने के लिए किया था.
अक्टूबर, 2013 में बीजिंग में भारत और चीन द्वारा सीमा रक्षा सहयोग समझौते (बीडीसीए) पर हस्ताक्षर करने के बाद दोनों देशों ने अपने मुद्दों को नए समझौते के तहत सुलझाने पर सहमति जताई थी. इसका उद्देश्य दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव रोकना था. हालांकि रक्षा मंत्री एके एंटनी ने हाल ही चेतावनी भी दी थी कि नया समझौता इस बात की गारंटी नहीं देता कि भविष्य इन क्षेत्र में कुछ नहीं होगा.
चीनी सैनिकों द्वारा अतिक्रमण के मामले में चुमार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सबसे सक्रिय क्षेत्र है. यह लेह से 300 किलोमीटर दूर स्थित है. भारत-चीन सीमा क्षेत्र में केवल यही एक स्थान है जहां चीनी सैनिकों की कोई सीधी पहुंच नहीं है.
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