वापस नहीं लिए जाएंगे देवयानी के खिलाफ आरोप : अमेरिका - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

वापस नहीं लिए जाएंगे देवयानी के खिलाफ आरोप : अमेरिका

अमेरिका ने राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के मामले में आरोप वापस लेने और उनके साथ कथित बुरे बर्ताव को लेकर माफी मांगने संबंधी भारत की दोनों मांगों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। देवयानी को पिछले सप्ताह न्यूयार्क में गिरफ्तार किया गया था। 
    
विदेश विभाग की प्रवक्ता मैरी हर्फ ने कहा कि हमने इन आरोपों को बहुत गंभीरता से लिया है। हम इन आरोपों से किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे। फिर से बता दूं कि यह कानून के पालन का मुद्दा है। यह पूछे जाने पर कि क्या देवयानी को छोड़ दिया जाएगा और अमेरिकी अदालत से आरोपों को खारिज करने को कहा जाएगा, हर्फ ने कहा, नहीं।
    
राजनयिक के खिलाफ आरोपों को निरस्त किए जाने की संभावना से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे शिकायत का ब्यौरा मालूम नहीं है और मुझे नहीं पता कि क्या केवल शिकायत को वापस लेने से आरोप समाप्त हो जाएंगे। हर्फ ने कहा कि निश्चित रूप से हम इस प्रकार के आरोपों को बेहद गंभीरता से लेते हैं। अभियोग चलाया जाए या नहीं, यह हमारा फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका हर साल प्रत्येक ऐसे देश को, जहां उसके राजनयिक हैं, वहां राजनयिक नोट के माध्यम से उन दायित्वों के बारे में सूचित करता है, जिनका उन्हें अपने कर्मचारियों को अमेरिका लाने पर पालन करना होगा।
    
हर्फ ने कहा कि हम इन दायित्वों को पूरी तरह स्पष्ट करते हैं और इन दायित्वों का पालन नहीं किए जाने के प्रत्येक आरोप को हम बेहद गंभीरता से लेते हैं। इसलिए निश्चित रूप से, इस पर कोई चर्चा नहीं होने जा रही है। हम केवल चाहते हैं कि प्रक्रिया आगे बढ़े। उन्होंने अमेरिकी सरकारी अभियोजक प्रीत भराड़ा के कथित बेहद सख्त बयान से विदेश मंत्रालय को अलग किए जाने से इनकार किया। भराड़ा के बयान को भारत में काफी सख्त बयान के रूप में देखा गया है। 
    
राजनीतिक मामलों के लिए विदेश राज्य मंत्री वेंडी शेरमन और भारत की विदेश सचिव सुजाता सिंह के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद इस प्रकार की रिपोर्टे आयी हैं। भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान को काटते हुए हर्फ ने कहा कि उनके और विदेश मंत्री जान कैरी के बीच किसी बातचीत की योजना नहीं थी और अभी भी ऐसा कुछ नहीं है। हर्फ ने कहा कि मेरा कहने का मतलब है कि वह (कैरी) हमेशा बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन मुझे लगता है कि भारत में आज इस बारे में कुछ गलत रिपोर्टिंग हुई है कि वह ऐसी कोई योजना बना रहे हैं, लेकिन ऐसा मामला नहीं है। खुर्शीद ने दिल्ली में मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा था कि उनकी कैरी के साथ बातचीत की कोई योजना थी। उन्होंने बताया कि कैरी वर्षांत की छुट्टियों में परिवार के साथ हैं और वह बाद में वाशिंगटन लौटेंगे। 
    
एक दिन पहले कैरी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन से फोन पर बात की थी और देवयानी के साथ कथित र्दुव्‍यवहार पर खेद जताया था। भारतीय राजनयिक को वीजा जालसाजी आरोपों पर गिरफ्तार किए जाने के बाद उनके साथ कथित बुरे बर्ताव की खबरें हैं। कैरी के फोन करने से दोनों देशों के बीच संबंधों में अचानक बढ़ा तनाव शांत होता दिख रहा था। हर्फ ने कहा कि हम बार बार यह दोनों संदेश दे रहे हैं कि जो कुछ हुआ उस पर खेद हैं, लेकिन यह भी कि यहां से हम आगे कैसे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह संदेश हम लगातार उचित राजनयिक चैनलों के माध्यम से, राजनयिक तरीके से भारत सरकार को भेज रहे हैं।
     
नौकरानी संगीता रिचर्ड के ससुर के नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में काम करने की बात को स्वीकार करते हुए हर्फ ने कहा कि मैं पुष्टि करती हूं कि वह करते थे या करते हैं, मुझे मौजूदा स्थिति का नहीं पता, उन्हें एक अमेरिकी राजनयिक ने निजी स्तर पर नौकरी पर रखा था, लेकिन अमेरिकी कर्मचारी के रूप में नहीं।
    
हर्फ ने भारत के इन आरोपों को बेहद गलत बताया कि अमेरिका ने उसके द्वारा भेजे गए पत्रों और बातचीत का कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह कहना बेहद गलत है कि हमने इस मुद्दे पर भारत सरकार के किसी संदेश को नजरअंदाज किया। लेकिन उन्होंने मामले की कानूनी प्रकति को देखते हुए इस बारे में ब्यौरा देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम अभी भी इस मामले पर दोनों सरकारों के बीच हुए संवाद को सिलसिलेवार तरीके से संकलित करने में लगे हैं जो कि महीनों पहले से जारी है। इसमें से कुछ निजी राजनयिक बातचीत हैं या कानून पालन के संबंध में संवेदनशील जानकारी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मुद्दों को लेकर भारत और अमेरिका की व्याख्याओं तथा आरोपों ने पूरे परिदृश्य में एक भूमिका अदा की है।
     
हर्फ ने कहा कि लेकिन मैं कहूंगी कि भारत सरकार के साथ इस मुद्दे पर वाशिंगटन में न्यूयार्क में और नई दिल्ली में गहन बातचीत में शामिल हैं जो गर्मियों से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि हमने भारत सरकार से यह अपील भी की है कि वह खोबरागड़े की घरेलू नौकर द्वारा लगाए गए कथित आरोपों के बारे में अपनी जांच की रिपोर्ट हमें उपलब्ध कराए और चर्चा के लिए उसे उपलब्ध कराएं। मुझे नहीं लगता कि दोनों में से कुछ भी किया गया है।
     
हर्फ ने कहा कि उन्हें खोबरागड़े को संयुक्त रष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में स्थानांतरित किए जाने के संबंध में भारत सरकार की ओर से कोई अपील नहीं मिली है। भारत ने कहा है कि इस कदम से देवयानी को जरूरी राजनयिक छूट मिलेगी। हर्फ ने हालांकि कहा कि यह छूट पूर्व प्रभावी नहीं होगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह पिछले प्रभाव से लागू नहीं होगी।
    
उन्होंने कहा कि अगर सामान्य रूप से कहूं, तो यदि राजनयिक दर्जे में बदलाव के कारण छूट में परिवर्तन आता है, जो वह छूट प्रक्रिया के बाद दर्जे में बदलाव से प्रभावी होगी। उन्होंने कहा कि इसलिए इसकी एक प्रक्रिया है, यह संयुक्त राष्ट्र सचिवालय को जाता है, उसके बाद अमेरिकी विदेश विभाग के पास आता है, हर किसी को राजी होना होता है। इसकी एक प्रक्रिया है, नौकरशाही प्रक्रिया और उसके बाद यदि एक अलग राजनयिक दर्जा दिया जाता है, तो यह उस तारीख से प्रभावी होता है।
     
हर्फ ने बताया कि हमें दर्जे के पुन: निर्धारण के संबंध में कोई सरकारी अपील प्राप्त नहीं हुई है। निश्चित रूप से, यदि हम करते हैं, तो हमें इसे देखना होगा। मैं काल्पनिकता पर नहीं जाना चाहती कि नई स्थिति क्या होगी, क्योंकि हमें इस बारे में अभी कुछ अपील नहीं मिली है।
    
लापता भारतीय नौकरानी के परिवार के करीबी सदस्यों को वीजा उपलब्ध कराने के अमेरिकी सरकार के फैसले का बचाव करते हुए हर्फ ने कहा कि यह परिवार को मिलाने के प्रयासों का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार ने कथित पीड़ित को उसके परिवार से मिलाने का फैसला किया। निश्चित रूप से, मैं इसकी बारिकियों में नहीं जाना चाहती। हर्फ ने तर्क दिया कि हमें इन आरोपों की जानकारी है कि भारत में परिवार को धमकाया जा रहा था। निश्चित रूप से, मैं इनकी पुष्टि नहीं कर सकती। लेकिन आमतौर पर हम ऐसे आरोपों को गंभीरता से लेते हैं।
   
1999 बैच की 39 वर्षीय आईएफएस अधिकारी देवयानी को 12 दिसंबर को वीजा जालसाजी के आरोपों में विदेश विभाग के राजनयिक सुरक्षा ब्यूरो ने गिरफ्तार कर अमेरिकी मार्शल्स सर्विस को सौंप दिया था। राजनयिक न्यूयार्क में भारत के स्थायी मिशन में नियुक्त हैं। उधर, अपनी शिकायत में नौकरानी ने देवयानी पर उसे कम वेतन देकर और अधिक घंटे काम करवा कर अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। देवयानी को उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने जा रही थी। बाद में उन्होंने अदालत में खुद को निर्दोष बताया, जिसके बाद उन्हें 2,50,000 अमेरिकी डॉलर के मुचलके पर रिहा किया गया।

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